थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत राजनीतिक बयान देने के लिए एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। नागरिकता संशोधन क़ानून जैसे राजनीतिक फ़ैसले पर होने वाले आन्दोलन पर अपने बयान से वह सुर्खियों में हैं। उनके इस बयान पर बहस चल रही है जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘आगजनी और हिंसा की अगुआई करने वाले नेता नहीं होते हैं।’