आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को कहा है कि लद्दाख में एलएसी पर चीन का खतरा किसी तरह कम नहीं हुआ है बल्कि यह बरकरार है। उन्होंने कहा कि भारतीय आर्मी चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए को कड़ा जवाब देगी। 

जनरल नरवणे आर्मी की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात कह रहे थे। आर्मी चीफ ने कहा कि भारतीय सेना ने उन इलाकों में जहां पर मई, 2020 में चीन के साथ सैन्य झड़प हुई थी, वहां अपनी ताकत को बढ़ाया है। 

जनरल नरवणे ने कहा कि उत्तरी छोर पर हमारी तैयारियां पुख्ता हैं और साथ ही हम पीएलए के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। मई, 2020 में लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जोरदार झड़प हुई थी। उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। 
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जनरल नरवणे ने कहा कि ऐसे इलाकों में जहां से अभी पूरी तरह डिसइगेंजमेंट नहीं हुआ है उन जगहों पर भारतीय सेना मजबूती से तैनात है। आर्मी चीफ ने कहा कि सैनिकों की वापसी तभी हो सकती है जब पूरी तरह डिसइगेंजमेंट हो जाए लेकिन तब तक सेनाएं वहां डटी रहेंगी।

चीन के साथ बातचीत जारी 

भारत और चीन के बीच बुधवार को ही 14वें दौर की वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि एलएसी में एक तरफा बदलाव की चीन की कोशिशों का भारत ने मजबूत जवाब दिया है। कुछ महीने पहले चीन ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में एक गांव बसाया है, इसकी चर्चा भी भारतीय मीडिया में हुई है। 
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इस मामले में जनरल नरवणे ने कहा कि विदेश मंत्रालय इसे लेकर भारत की स्थिति को साफ कर चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि एलएसी का निर्धारण नहीं हो पाया है और इसको लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। 

सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लॉन्चिंग पैडों में आतंकवादियों की संख्या बढ़ी है और साथ ही एलओसी पर भी घुसपैठ की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। 

नगालैंड में हुई फायरिंग के मामले में जनरल नरवणे ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी होने के बाद ही उचित कार्रवाई होगी। आर्मी चीफ ने कहा कि पूर्वोत्तर में हालात नियंत्रण में है।