प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या में कहा कि “सदियों के घाव और पीड़ा आज भर रहे हैं।” उन्होंने यह बात अयोध्या में बने राम मंदिर के शिखर पर भगवा धर्म ध्वज को फहराने के बाद कही। इस आयोजन के साथ ही मंदिर का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से पूर्ण हो गया। इसे 500 वर्ष पुराने संकल्प की सिद्धि बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह ध्वज भगवान राम के आदर्शों का प्रतीक है और सत्य तथा धर्म की विजय का प्रतीक है। 
  • आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस रामराज्य का ध्वज बताया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मोदी का दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता बताया।

मोदी के कहने का अर्थ क्या है

पीएम मोदी के कहने का साफ अर्थ है कि उन्होंने बाबरी मस्जिद की याद अप्रत्यक्ष रूप से दिलाई। हिन्दू पक्षों का दावा रहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को राम मंदिर की जगह बनाया गया था। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में आरएसएस के कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया। बाबरी मस्जिद का मामला अदालत में कई दशक से चल रहा था। लेकिन इसमें अचानक तेज़ी आ गई। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में फैसला सुनाया कि बाबरी मस्जिद की ज़मीन केंद्र सरकार को दी जाती है। केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाकर वो ज़मीन हिन्दुओं को सौंप दे। वहां एक राम मंदिर का निर्माण कराया जाए। हालांकि अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि मस्जिद को गिराना गलत था। वो एक ऐतिहासिक धरोहर थी। अयोध्या पर फैसला सुनाने वाले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, रिटायर होने के बाद भाजपा की मदद से राज्यसभा के सांसद बन गए।   

अयोध्या में आज क्या हुआ

पीएम मोदी ने मंगलवार 25 नवंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में अभिजीत मुहूर्त में 10×20 फीट का त्रिकोणीय भगवा ध्वज फहराया। हिंदू मान्यता में अभिजीत मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • ध्वज पर तेजस्वी सूर्य, पवित्र ‘ॐ’ तथा कोविदार वृक्ष अंकित हैं। प्रधानमंत्री ने इसे जागरण, समर्पण और सदियों के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक बताया।


अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ध्वज “संकल्प का प्रतीक” बनेगा जो नागरिकों को जागरण और समर्पण के मार्ग पर ले जाएगा। उन्होंने इसे सदियों से चले आते सामूहिक स्वप्न का प्रतीक बताया जो संतों की तपस्या और प्रयासों से साकार हुआ है। “यह धर्म ध्वज है जो विश्व को भगवान राम के आदर्शों की घोषणा कर रहा है,” उन्होंने कहा और जोड़ा कि यह सत्य तथा धर्म के शाश्वत मूल्यों का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने ‘सत्यमेव जयते’ का उल्लेख करते हुए कहा कि “सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नहीं” और यह ध्वज लोगों को प्रेरित करेगा कि वे अपनी बात पर अडिग रहें, चाहे इसके लिए जान भी क्यों न देनी पड़े। ध्वज फहराने को उन्होंने सत्य, धर्म की विजय तथा अपने सिद्धांतों पर दृढ़ता से खड़े रहने की पुनःपुष्टि बताया।

अपने अंदर के राम को जगाएंः मोदी

मोदी ने अयोध्या में कहा, "राम केवल एक व्यक्ति नहीं हैं। राम एक मूल्य हैं। अगर भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो हमें अपने भीतर के राम को जगाना होगा। और ऐसे संकल्प के लिए आज से बेहतर और क्या क्षण हो सकता है?"

मोहन भागवत बोले- यह रामराज्य का ध्वज है

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "आज मंदिर के शिखर पर राम राज्य ध्वज फहराते हुए देखकर अशोक जी की आत्मा को शांति मिली होगी। हमने अपनी आँखों से देखा, ध्वज फहराते हुए और अपने सबसे ऊँचे बिंदु पर पहुँचते हुए। क्या आपको पता है कि इसमें कितना समय लगा? पाँच सौ साल की बात छोड़ दें, तो तीस साल तो लगे ही।" उन्होंने कहा, "यह धर्म ध्वज है, भगवा ध्वज जो त्याग का प्रतीक है।"
इस समारोह में फहराए गए ध्वजारोहण का वर्णन करते हुए, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसे राम राज्य की प्राचीन विरासत से जोड़ा, जो न्यायपूर्ण शासन, शांति और समृद्धि का आदर्श है। उन्होंने कहा, "राम राज्य का ध्वज, जो कभी अयोध्या में ऊँचा फहराता था और दुनिया में शांति और समृद्धि का संचार करता था, अब अपने शिखर पर विराजमान है और हमने इसे घटित होते देखा है।" "ध्वज एक प्रतिनिधि है।" उन्होंने कहा कि यह क्षण केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि गहन आध्यात्मिक है। उन्होंने घोषणा की, "इस ध्वज का रंग 'भगवा' है, यह 'धर्मध्वज' है। पूरी दुनिया इसी ध्वज से संचालित होगी।"

योगी आदित्यनाथ ने मोदी की तारीफ में ये कहा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह एक नए युग की शुरुआत है। इस अवसर पर मैं दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता, पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत करता हूं। मैं सभी राम भक्तों की ओर से सरसंघचालक मोहन भागवत का भी स्वागत करता हूं।" योगी ने कहा- "यह भव्य मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था और स्वाभिमान का प्रतीक है। मैं इसके लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूँ... यह ध्वज इस बात का प्रमाण है कि धर्म का प्रकाश अमर है और रामराज्य के सिद्धांत शाश्वत हैं... 2014 में जब पीएम मोदी प्रधानमंत्री बने, तो करोड़ों भारतीयों के हृदय में जो आस्था जागी थी, वह अब इस भव्य राम मंदिर के रूप में प्रकट हो रही है... यह भगवा ध्वज धर्म, निष्ठा, सत्य, न्याय और राष्ट्र धर्म का प्रतीक है।"