भगोड़े डायमंड व्यापारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को बेल्जियम के एंटवर्प कोर्ट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत है। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक में 13000 करोड़ रुपये के कथित ऋण घोटाले का आरोप है, जिसमें उन्होंने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ साठगांठ की थी। कोर्ट ने भारत के अनुरोध पर चोकसी की गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए कहा कि प्रत्यर्पण का पहला कानूनी चरण पूरा हो गया है। हालांकि, चोकसी को बेल्जियम की उच्चतर अदालत में अपील का अधिकार है, जिससे उनका तत्काल प्रत्यर्पण संभव नहीं लगता। यह फैसला बेल्जियम में अप्रैल में उनकी गिरफ्तारी के पांच महीने बाद आया है, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बेल्जियम से प्रत्यर्पण की मांग की थी।
बेल्जियम कोर्ट ने दी भगोड़े मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी; लेकिन अड़चन बाक़ी?
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- 17 Oct, 2025
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को बेल्जियम कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। लेकिन क्या कानूनी और कूटनीतिक अड़चनें अब भी बाकी हैं? अब प्रत्यर्पण कितना आसान?

बेल्जियम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले बेल्जियम के अभियोजन पक्ष और चोकसी की कानूनी टीम ने अपनी दलीलें पेश कीं। अदालत ने पाया कि भारत में चोकसी पर जिन अपराधों का आरोप है, उनमें आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, साक्ष्य नष्ट करना और भ्रष्टाचार शामिल हैं, जो बेल्जियम के कानून के तहत भी दंडनीय हैं। यह अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत प्रत्यर्पण के लिए ज़रूरी शर्त को पूरा करता है।