राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से सरकार पर बड़ी चोट की है। उन्होंने कहा है कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य आम लोगों की पहुँच से बाहर हो गये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि जो पहले सेवा थी उसको अब धंधा और मुनाफा का ज़रिया बना दिया गया है। भागवत का यह बयान तब आया है जब मोदी सरकार नयी शिक्षा नीति और ग़रीबों के मुफ़्त इलाज का ढोल पीट रहा है। उनके इस बयान ने न केवल सामाजिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या यह बयान केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर एक अप्रत्यक्ष हमला है? क्या भागवत सरकार की नीतियों से नाराज हैं? यदि हां, तो उनकी नाराजगी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
भागवत ने देश की शिक्षा, स्वास्थ्य पर उठाए बड़े सवाल; मोदी सरकार से नाराज़?
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- 11 Aug, 2025
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और एक तरह से मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। क्या वे मोदी सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं? जानिए पूरी रिपोर्ट।

शिक्षा और स्वास्थ्य अब सेवा नहीं, धंधा: भागवत
मोहन भागवत ने इंदौर में गुरुजी सेवा न्यास द्वारा स्थापित 'माधव सृष्टि आरोग्य केंद्र' के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में कहा कि कभी सेवा का माध्यम रहे शिक्षा और स्वास्थ्य अब पूरी तरह से व्यवसाय बन चुके हैं। उन्होंने कहा, 'स्वास्थ्य और शिक्षा समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पहले इन्हें सेवा के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब ये आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं। ये न तो सस्ते हैं और न ही सुलभ।'