उप-राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल यानी बीजेडी और केसीआर की बीआरएस ने मतदान से दूर रहने की घोषणा की है। यह फ़ैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। वह विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ मैदान में हैं। बीजेडी और बीआरएस के इन क़दमों ने चुनावी समीकरण को और दिलचस्प बना दिया है।

बीजेडी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने सोमवार को दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'हमारे सम्मानित पार्टी अध्यक्ष श्री नवीन पटनायक ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, राजनीतिक मामलों की समिति और सांसदों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद उप-राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का निर्णय लिया है। बीजेडी राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखने की नीति पर कायम है। हमारा पूरा ध्यान ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर केंद्रित है।'
बीजेडी के पास फ़िलहाल राज्यसभा में सात सांसद हैं, जबकि लोकसभा में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। पार्टी ने पहले भी 2012 के उप-राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूरी बनाई थी। इससे यह फ़ैसला उसकी पुरानी नीति के अनुरूप दिखता है। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नवीन पटनायक ने हाल ही में दिल्ली में अपनी पार्टी के सांसदों और पीएसी के सदस्यों के साथ बैठक की थी, जिसमें अधिकांश नेताओं ने एनडीए उम्मीदवार के ख़िलाफ़ वोट करने का सुझाव दिया था। हालाँकि, पटनायक ने तटस्थ रहने का सुरक्षित रास्ता चुना।

चुनावी गणित और एनडीए की स्थिति

उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदाता होते हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सांसदों का समर्थन है, जो कुल 422 वोट होते हैं। इसके अलावा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी यानी वाईएसआरसीपी ने भी एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा की है, जिससे एनडीए की स्थिति और मज़बूत हो गई है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन के पास 324 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए ज़रूरी संख्या से कम है।

बीजेडी और भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के मतदान से दूरी बनाने के फ़ैसले ने एनडीए की जीत को और आसान बना दिया है।

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने कहा कि उनकी पार्टी का यह निर्णय तेलंगाना में उर्वरक की कमी के खिलाफ किसानों के आक्रोश को दिखाता है। उन्होंने कहा, 'अगर उप-राष्ट्रपति चुनाव में नोटा (NOTA) का विकल्प होता, तो हम उसे चुनते।'

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार शाम को संसद परिसर में इंडिया गठबंधन के सांसदों के लिए एक रात्रिभोज का आयोजन किया, ताकि विपक्षी एकता को मज़बूत किया जा सके और उनके उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी के लिए समर्थन जुटाया जा सके।

चुनाव की प्रक्रिया

उप-राष्ट्रपति चुनाव मंगलवार यानी 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में होगा। मतगणना उसी दिन शाम 6 बजे से शुरू होगी। यह चुनाव पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया था।

चुनाव आयोग ने गुप्त मतदान की व्यवस्था की है, जिससे सांसद स्वतंत्र और गोपनीय तरीके से वोट डाल सकें। बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए 'संसद कार्यालय' का आयोजन किया है, ताकि उन्हें मतदान प्रक्रिया की जानकारी दी जा सके।

बीजेडी और बीआरएस के मतदान से दूरी बनाने के फैसले ने उप-राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की जीत की संभावनाओं को और मजबूत कर दिया है। यह चुनाव न केवल संसदीय गणित का खेल है, बल्कि राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति में दलों की रणनीति और गठबंधनों की ताकत को भी दिखाता है। जैसे-जैसे मतदान का दिन नजदीक आ रहा है, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या विपक्ष कोई आखिरी रणनीति बनाएगा या एनडीए की जीत तय है।