बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने एक विवादित बयान देकर आक्रोश पैदा कर दिया है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों की विधवाओं पर "वीरतापूर्ण भावना" की कमी का आरोप लगाया है। विपक्ष ने इस बयान को असंवेदनशील बताया है।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा
हरियाणा के बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर एक विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया है। जांगड़ा ने कहा कि हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं में "वीरांगना का भाव और जोश" नहीं था, जिसके कारण 26 लोग आतंकियों की गोली का शिकार बने। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ये महिलाएं आतंकियों का मुकाबला करतीं और प्रधानमंत्री की योजना के तहत प्रशिक्षण लेतीं, तो इतनी मौतें नहीं होतीं।
पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैबा से जुड़े आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के पांच आतंकियों ने बैसारन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले में एक स्थानीय मुस्लिम पोनीवाला भी मारा गया। हालांकि उसने मरने से पहले कई पर्यटकों को बचाने की कोशिश की थी। यह हमला 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत में सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।
जांगड़ा ने भिवानी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "जिन महिलाओं का सुहाग छीना गया, उनमें अहिल्याबाई होल्कर और झांसी की रानी जैसी वीरता का अभाव था। अगर वे आतंकियों का मुकाबला करतीं, तो कम लोग मरते।" उन्होंने यह भी दावा किया कि पर्यटक आतंकियों के आगे "हाथ जोड़" रहे थे, फिर भी उन्हें मारा गया।
जांगड़ा के इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे "घृणित और शर्मनाक" करार देते हुए कहा, "पहलगाम हमले में आतंकियों ने जिनके सुहाग उजाड़े, अब उनकी मर्यादा को ठेस पहुंचाने का काम बीजेपी सांसद कर रहे हैं। बीजेपी की ओर से शहीद परिवारों का बार-बार अपमान हो रहा है, इस पर लगाम लगनी चाहिए।"
कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि जांगड़ा का बयान न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था की विफलता पर सवाल उठाने के बजाय पीड़ित महिलाओं को दोषी ठहराता है। सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शोभित ने भी एक्स पर लिखा, "यह निंदनीय और घटिया बयान है। बीजेपी सांसद ने उन महिलाओं का अपमान किया है जो पहले ही इतना दुख झेल चुकी हैं।"
जांगड़ा के बयान ने सोशल मीडिया पर भी तीव्र आलोचना को जन्म दिया है। कई एक्स यूजर्स ने इसे असंवेदनशील और पीड़ितों के प्रति अपमानजनक बताया। एक यूजर ने लिखा, "क्या जांगड़ा यह कहना चाहते हैं कि निहत्थी महिलाएं आतंकियों के सामने कूद पड़तीं? यह सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने के बजाय पीड़ितों को दोष देने की कोशिश है।"
इसके अलावा, पहलगाम हमले के बाद देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। हमले के बाद कुछ बीजेपी नेताओं और उनके सहयोगी संगठनों जैसे बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा भड़काऊ बयानों और विरोध प्रदर्शनों की खबरें सामने आई हैं, जिनमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषण और आर्थिक बहिष्कार की मांग शामिल है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों को "कल्पना से परे सजा" दी जाएगी। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं बंद करने और अटारी सीमा चौकी को बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए।
जांगड़ा का बयान न केवल पीड़ित परिवारों के घावों को कुरेदने वाला है, बल्कि यह उस संवेदनशीलता की कमी को भी दर्शाता है जो इस तरह की त्रासदी के बाद अपेक्षित होती है। इस बीच, विपक्ष ने मांग की है कि बीजेपी नेतृत्व इस बयान पर कार्रवाई करे और पीड़ितों के प्रति सम्मान दिखाए।