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WFI के निलंबन पर क्या बोले बृजभूषण सिंह, जानिए उनकी सफाई

निर्वाचन के बाद बने नये भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया गया है। खेल मंत्रालय ने पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह की अध्यक्षता वाली नई डब्ल्यूएफआई समिति पर 'स्थापित कानूनी और प्रक्रियात्मक मानदंडों के प्रति घोर उपेक्षा' करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप बृजभूषण के क्षेत्र गोंडा में आयोजित करने का फ़ैसला लेने का आरोप लगाया गया। इन आरोपों के बाद भी बृजभूषण शरण सिंह ने अपने गढ़ में चैंपियनशिप आयोजित करने का बचाव किया।

उनकी यह टिप्पणी भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा से मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में आई। उन्होंने कहा, 'नंदिनी नगर को प्रतियोगिता स्थल के रूप में चुना गया क्योंकि देश में कोई अन्य क्षेत्रीय ईकाई इतने कम समय में टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए तैयार नहीं थी।'

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बृजभूषण ने यह भी कहा कि उन्होंने एक तरह से कुश्ती से संन्यास ले लिया है और वह आगामी चुनावों में व्यस्त रहेंगे। छह बार के सांसद ने कहा कि लोकसभा चुनाव आ रहे हैं और मेरे पास बहुत काम होगा। उन्होंने उन खबरों का भी खंडन किया कि उन्होंने सांसद के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया है।

शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक ने प्रतियोगिता पर चिंता जताई थी और एक दिन बाद खेल मंत्रालय ने शीर्ष कुश्ती संस्था की सभी गतिविधियों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। उन्होंने रविवार को भी वह बात दोहराई जो उन्होंने एक दिन पहले ट्वीट में कही थी। 

उन्होंने कहा था, 'मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूँ। वो जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फ़ोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख़ से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नयी कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फ़ैसला लिया है। गोंडा बृजभूषण का इलाक़ा है। अब आप सोचिए कि जूनियर महिला पहलवान किस माहौल में कुश्ती लड़ने वहाँ जाएँगी। क्या इस देश में नंदनी नगर के अलावा कहीं पर भी नेशनल करवाने की जगह नहीं है क्या। समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ।'

यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर एथलीटों के सड़कों पर उतरने के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख पद से बृजभूषण ने इस्तीफा दे दिया था। पिछले सप्ताह हुए ताज़ा चुनावों में उनके सहयोगी संजय सिंह इस पद पर उनके उत्तराधिकारी बने।

गुरुवार को बीजेपी सांसद बृजभूषण द्वारा समर्थित और संजय सिंह के नेतृत्व वाले पैनल ने विवादास्पद परिस्थितियों में हुए चुनावों के बाद डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। चुनाव संजय सिंह की जीत के बाद बृजभूषण ने कहा था- 'दबदबा है और दबदबा रहेगा'। सितंबर महीने में उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर चेता दिया था कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।'

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चुनाव परिणाम के बाद साक्षी मलिक ने खेल छोड़ने की घोषणा की थी और एक अन्य एथलीट ने अपना पद्मश्री लौटा दिया। अब खेल मंत्रालय ने कहा, 'फेडरेशन का काम पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। यह कथित तौर पर वही परिसर भी है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और वर्तमान में अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।'

brijbhushan sharan singh on wfi suspension - Satya Hindi

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा है कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया। 

महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।

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दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक ​​कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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