नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019 के लागू होने के एक साल से अधिक समय बाद भी, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने इस अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त करने वालों की कुल संख्या के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है। इस मुद्दे ने एक बार फिर विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि कई लोग इस अधिनियम के कार्यान्वयन और इसके प्रभाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं। द हिंदू अखबार द्वारा दायर की गई एक सूचना का अधिकार (RTI) आवेदन के जवाब में मंत्रालय ने डेटा देने से मना कर दिया, जिसके बाद इस मामले को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में अपील के लिए ले जाया गया।