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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक

पीएम मोदी के आलोचक सत्यपाल मलिक से जुड़े लोगों के 9 ठिकानों पर CBI छापे

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पूछताछ के हफ्तों बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आज बुधवार जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में नौ स्थानों पर तलाशी ले रही है, जिसमें मलिक के मीडिया सलाहकार सुनक बाली के परिसर भी शामिल हैं। यह मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी एक बीमा योजना में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है। मलिक द्वारा मामले में उन्हें रिश्वत देने के प्रयास के आरोप लगाने के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। सत्यपाल मलिक दो वजहों से केंद्र सरकार के निशाने पर हैं। पुलवामा हमले को लेकर उन्होंने पीएम मोदी की सख्त आलोचना की थी। जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के मुद्दे पर वो लगातार समर्थन कर रहे हैं और वहां जा रहे हैं। तमाम किसान संगठनों ने सत्यपाल मलिक के साथ एकजुटता दिखाई है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई इस मामले में शिकायतकर्ता को परेशान कर रही है। वह (सुनक बाली) बिना किसी सरकारी वेतन के जम्मू-कश्मीर में मेरे प्रेस सलाहकार/सचिव थे।


- सत्यपाल मलिक, पूर्व राज्यपाल जम्मू कश्मीर, 17 मई 2023 सोर्सः एएनआई

महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल रहने के दौरान सत्यपाल मलिक ने खुद इंश्योरेंस में कथित भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। लेकिन अब उल्टा उनसे सीबीआई ने पिछले महीने पूछताछ के लिए उनके घर गई थी। इस पहले सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए अपने कार्यालय बुलाया था, लेकिन बाद में उसने कहा था कि सीबीआई टीम मलिक के घर पर जाएगी। बहरहाल, पिछले 8 महीने में यह तीसरी बार है जब सीबीआई इस मामले में सक्रिय नजर आ रही है।

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सीबीआई में उनका बयान पिछले साल अक्टूबर में बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद दर्ज किया गया था। इस मामले में उनको सीबीआई ने नोटिस जारी किया था और उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, 'मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों को उजागर किया है। शायद इसलिए मुझे बुलाया गया है। मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं नहीं घबराऊँगा। मैं सच के साथ खड़ा हूं।'

सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के संबंध में दो मामले दर्ज किए हैं। मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

मोदी सरकार मलिक से क्यों नाराजसीबीआई सत्यपाल मलिक से ऐसे समय में पूछताछ कर रही है जब कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने कई इंटरव्यू में पुलवामा हमले, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री मोदी के रुख सहित मुद्दों को लेकर उनपर गंभीर आरोप लगाए थे। करण थापर को दिए इंटरव्यू में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्होंने इस योजना को पारित होने से रोक दिया था। उन्होंने कहा था कि इस योजना को पारित करने के लिए कथित तौर पर आरएसएस-बीजेपी नेता राम माधव ने कहा था।  

बता दें कि सत्यपाल मलिक ने द वायर के इंटरव्यू में फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बमबारी के बारे में कई बातें कही थीं। पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए था। सत्यपाल मलिक ने इंटरव्यू में कहा, 'सीआरपीएफ के लोगों ने अपने जवानों को ले जाने के लिए विमान मांगा था, क्योंकि इतना बड़ा काफिला कभी सड़क मार्ग से नहीं जाता। मैंने गृह मंत्रालय से पूछा, उन्होंने विमान देने से इनकार कर दिया, जबकि सीआरपीएफ को सिर्फ पांच विमानों की जरूरत थी, उन्हें विमान नहीं दिया गया।'

14 फरवरी, 2019 की शाम को याद करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाहर से फोन किया था। उन्होंने कहा, "मैंने इसे उसी शाम पीएम को बताया था कि यह हमारी गलती है। अगर हम विमान देते तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने मुझसे कहा- 'तुम अभी चुप रहो...।' हालांकि मैंने पहले ही कुछ चैनलों से यह बात कही थी। इसलिए पीएम ने कहा- 'ये सब मत बोलो, ये कोई और चीज है'।"
सत्यपाल मलिक को हालांकि बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने ही राज्यपाल बनाया था लेकिन मलिक ने सरकार की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर सरकार को बार-बार घेरा। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की सलाह उन्होंने भी दी थी। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का मुद्दा भी वो लगातार उठा रहे हैं। वो आए दिन जंतर मंतर पर जाते भी हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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