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प्रतीकात्मक फाइल फोटो

मणिपुर वायरल वीडियो मामले की जांच सीबीआई करेगी

मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले की जांच सीबीआई करेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने वायरल वीडियो की जांच सीबीआई को करने को कहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को यह दावा किया है । इसके मुताबिक अधिकारी सूत्रों ने बताया है कि सरकार हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के बाहर इस मुकदमे को चलाने की मांग कर करने जा रही है। जानकारी के मुताबिक  मुकदमा पड़ोसी राज्य असम की अदालत में चलाने की मांग की जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मणिपुर झड़प से जुड़े पांच से अधिक गंभीर मामलों की जांच पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। यह घटनाक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शुक्रवार  28 जुलाई को ही सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर मामले की सुनवाई होनी है। ऐसे में इसी दिन सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर मणिपुर यौन हिंसा वायरल वीडियो का ट्रायल राज्य के बाहर कराने की मांग कर सकती है। 

घटना का वीडियो रिकॉर्ड करने वाला मोबाइल बरामद 

मणिपुर में कुकी महिलाओं से दरिंदगी का जो वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था उसे किस मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया था इसका पता चल गया है। वह मोबाइल फोन भी बरामद हो गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस ने यह मोबाइल फोन जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया है।  अब उम्मीद की जा रही है कि जिस मोबाइल फोन से यह वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच होने के बाद सिलसिलेवार घटनाओं का पता चलेगा।  
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 26 सेकंड के उस वीडियो ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया 

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को मेइतेई पुरुषों की भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने का मामला 4 मई का है। इसमें एक महिला करीब 21 वर्ष और दूसरी महिला करीब 40 वर्ष की है। आरोप है कि इसमें से एक महिला जिसकी उम्र 21 वर्ष है उसके साथ गैंगरेप भी हुआ था। निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था। 26 सेकेंड के इस वीडियो ने पूरे देश में आक्रेश पैदा कर दिया था। सड़क से लेकर संसद तक में इस घटना की कड़ी निंदा की गई। घटना के दोषियों को गिरफ्तार करने की देश भर से मांग उठने के बाद मणिपुर सरकार ने इसमें संलिप्त लोगों को गिरफ्तार करना आरंभ किया है। अब तक कई अपराधी पकड़े जा चुके हैं। 
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3 मई से ही मणिपुर हिंसा की चपेट में है 

मणिपुर 3 मई से हिंसा की चपेट में है। पीटीआई के मुताबिक मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए गृह मंत्रालय मैतेई और कुकी दोनों समूहों के संपर्क में है। मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों समूहों से बातचीत अंतिम चरण में है।
यह हिंसा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के मुद्दे पर भड़की थी। कुकी अनुसूचित जनजाति में शामिल हैं और वह मैतेई को यह दर्जा देने के विरोध में है। इसके कारण हुए टकराव के कारण ही मणिपुर में हिंसा भड़की थी।  
इस हिंसा के कारण मणिपुर में अब तक 150 से ज्यादा लोगें की मौत हो चुकी है। वहीं हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। बड़ी संख्या में घरों और धार्मिक स्थलों को जलाया भी जा चुका है। दोनों ही समुदाय के लोग इस हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। दोनों के बीच अविश्वास की खाई काफी चौड़ी हो गई है। अब एक दूसरे पर ये आधुनिक हथियारों से हमला कर रहे हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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