किसी को भी कोरोना टीका जबरन नहीं लगाया जा सकता है। ऐसा केंद्र सरकार ने ही कहा है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने ऐसा कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है जिसमें बिना सहमति के टीकाकरण करने की परिकल्पना की गई हो।
जबरन वैक्सीन नहीं लगा सकते, टीकाकरण सर्टिफिकेट भी ज़रूरी नहीं: केंद्र
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- 17 Jan, 2022
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आख़िर क्यों सफाई दी कि कोरोना वैक्सीन को देश के लोगों को जबरन नहीं लगाया जा सकता है?

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर अपनी सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध टीका लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इसने यह भी कहा कि भारत सरकार ने कोई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी नहीं किया है जो किसी भी उद्देश्य के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाता हो।