केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई प्रवासी मज़दूर पैदल चल अपने गृह राज्य न जाए। केंद्र ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारें इन प्रवासी मज़दूरों को समझाए-बुझाए और उन्हें शेल्टर होम में रखे।
स्वास्थ्य कर्मियों पर रोक नहीं
लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से यह भी कहा है कि वे डॉक्टरों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों की आवाजाही में व्यवधान न डालें। ऐसा करने से कोरोना से लड़ने की कोशिशों में अड़चन आएगी।
केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों से जुड़ा यह आदेश इसलिए दिया कि नोयडा, ग़ाज़ियाबाद, गुड़गाँव और फ़रीदाबाद ने डॉक्टरों के दिल्ली आने-जाने पर रोक लगा दी थी।
'स्पेशल ट्रेन से भेजें'
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को लिखी चिट्ठी में प्रवासी मज़दूरों के सड़क पर पैदल चलने पर चिंता जताई है। ख़त में यह भी कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने लगी हैं, ऐसे में इन प्रवासी मज़दूरों को उसी से भेजा जाना चाहिए।