वैज्ञानिकों ने चांद के साउथ पोल को लैंडिंग के सोच समझकर चुना है। इस क्षेत्र में पानी के निशान मिले हैं। चंद्रमा की सतह पर पानी है, इसका पता 2009 में इसरो के चंद्रयान-1 जांच के दौरान नासा के एक उपकरण द्वारा लगाया गया था। अगर इसकी पुष्टि फिर से हो जाती है तो चांद पर जीवन की कल्पना की जा सकती है, क्योंकि पानी के बिना जीवन असंभव है।
अगर बुधवार को लैंडिंग सफलतापूर्वक हो गई तो रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा।