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पावर ग्रिड में हैकिंग की दो कोशिशें फेल हुई: ऊर्जा मंत्री 

लद्दाख में भारत के बिजली वितरण केंद्रों पर चीन के द्वारा प्रायोजित हैकर्स के हमले को लेकर भारत ने प्रतिक्रिया दी है। ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि चीनी हैकर्स ने दो कोशिश की लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि हमने अपनी रक्षा व्यवस्था को इस तरह के साइबर हमलों का जवाब देने के लिए पहले से ही काफी मजबूत बनाया हुआ है।

एक प्राइवेट खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि चीन के द्वारा प्रायोजित हैकर्स ने बीते कुछ महीनों में लद्दाख के नजदीक भारतीय बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाया। 

इस फर्म ने कहा है कि भारत के सात बिजली वितरण केंद्रों में घुसपैठ की गई है। यह सभी केंद्र ग्रिड कंट्रोल और बिजली के वितरण के काम से संबंधित हैं। 

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रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि पिछले 18 महीनों में भारत के लोड डिस्पैच सेंटर्स को लगातार निशाना बनाया गया। पहले यह काम RedEcho से और अब TAG-38 के जरिये किया गया है। घुसपैठ की कोशिश करने वाले समूह ने नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम के साथ भी छेड़छाड़ की है। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि उसने अपनी रिपोर्ट को लोगों के सामने लाने से पहले सरकार को इस बारे में बता दिया था।
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रिकॉर्डेड फ्यूचर को दुनिया भर में हैकर्स की ओर से किए जाने वाले हमलों की पहचान करने में सक्षम माना जाता है।

TAG-38 नाम के हैकिंग ग्रुप ने ShadowPad सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था और इससे पहले यह सॉफ्टवेयर चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी और सुरक्षा मंत्रालय से भी संबंधित था।

रिकॉर्डेड फ्यूचर के एक अफसर ने कहा कि हैकर्स ने जो तरीका घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया है वह इससे पहले नहीं देखा गया है। जिन उपकरणों का सहारा लेकर घुसपैठ की गई वह दक्षिणी कोरिया और ताइवान के हैं। 

बता दें कि जून 2020 में लद्दाख के गलवान में हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से ही सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है और दोनों देशों के रिश्ते ठीक नहीं हैं। इस नई घटना के सामने आने के बाद रिश्ते और ख़राब हो सकते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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