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प्रतीकात्मक तस्वीर।

चीनी जी20 प्रतिनिधिमंडल ने बैग जाँचने क्यों नहीं दिया, राज क्या था?

जी20 में शामिल होने आए चीन के प्रतिनिधिमंडल के साथ फाइव स्टार होटल में क़रीब 12 घंटे तक हंगामा चला था। यह हंगामा था एक बैग को लेकर। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार होटल स्टाफ को चीनी प्रतिनिधिमंडल के बैग में कुछ संदिग्ध सामान लगा और इसलिए भारत के सुरक्षा अधिकारियों ने बैग की जांच करने देने को कहा। चीन के अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं हुए। यह विवाद घंटों चला और आख़िरकार उसकी जाँच किए बिना ही वे अपने एंबेसी लेकर चले गए।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि यह मामला दिल्ली के चाणक्यपुरी में ताज पैलेस होटल में हुआ। पिछले सप्ताह जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे एक चीनी प्रतिनिधिमंडल होटल में एक बैग लेकर आया था। कूटनीतिक प्रोटोकॉल के तहत एक बार तो उन्हें होटल में जाने दिया गया, लेकिन बाद में होटल स्टाफ़ द्वारा उस बैग में संदिग्ध सामान को लेकर सुरक्षा अधिकारियों को अलर्ट किया गया।

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रिपोर्टों के अनुसार पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब सुरक्षाकर्मियों ने उनके दल से बैग की जाँच कराने को कहा तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। पुलिस के बार-बार आग्रह करने के बावजूद कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार बैग की जांच कराई जाए, चीनी प्रतिनिधि नहीं माने। चीनी पक्ष ने कथित तौर पर इसे 'राजनयिक सामान' के रूप में पेश करने का प्रयास किया। 

मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उनके इनकार के कारण गतिरोध पैदा हो गया और चीनी अधिकारियों द्वारा दूतावास को बैग भेजने पर सहमत होने के बाद ही इसका समाधान हुआ। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया कि सुरक्षा दल लगभग 12 घंटे तक होटल के कमरे के बाहर पहरा देता रहा, लेकिन चीनी अधिकारी अपने बैग की जांच कराने को राजी नहीं हुए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, आख़िर में प्रतिनिधिमंडल ने बैग की जांच कराए बिना चीनी दूतावास लौटने का फैसला किया। अभी तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि बैग में आख़िर ऐसा कौन सा सामान था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि बाद में और अधिक चीनी प्रतिनिधि होटल पहुंचे और बिना किसी आपत्ति के अपने बैग की जाँच कराई।
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बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में प्रगति मैदान के भारत मंडपम कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया गया था। इसे काफी हद तक एक बड़ी सफलता के रूप में देखा गया क्योंकि ब्लॉक के सदस्यों ने एक सर्वसम्मत संयुक्त बयान दिया, जिसमें यूक्रेन युद्ध सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

जी20 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हुए और बीजिंग ने कोई कारण नहीं बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। इस फ़ैसले पर अमेरिका ने निराशा जताई थी। चीनी पक्ष का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ली कियांग ने किया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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