अदालत में लंबित मामलों के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त महीने में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान को कहा था कि सिफारिशों को कॉलिजियम तक पहुँचने में महीनों और साल लगते हैं और उसके बाद महीनों और वर्षों में कॉलिजियम के बाद कोई निर्णय नहीं लिया जाता है।