loader

शिवलिंग पर टिप्पणीः डीयू प्रोफेसर ने मांगी सुरक्षा, अहमदाबाद में गिरफ्तारी

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग मिलने पर देश में लोग बंट गए हैं। कुछ लोग इसे शिवलिंग मान बैठे हैं तो कुछ लोग इसे फव्वारा या कुछ और बता रहे हैं। इन्हीं के बीच विवादित टिप्पणियां भी आ रही हैं, जिनमें दक्षिणपंथी समूह पुलिस में शिकायतें दर्ज करवा कर कार्रवाई करवा रहा है। इसी सिलसिले में डीयू के दलित प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ शिकायत दी गई है। डीयू के प्रोफेसर ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी है। दूसरी तरफ अहमदाबाद में एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

डीयू के हिन्दू कॉलेज में प्रोफेसर रतन लाल का मामला तूल पकड़ रहा है। एक दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर शिवलिंग बताने वाले चित्र को पोस्ट करते हुए कुछ अपमानजनक शब्द लिखा। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिन्दल ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी कि प्रोफेसर ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।

ताजा ख़बरें

यह मामला यहीं नहीं थमा। प्रो. रतन लाल ने अब प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर ए के 56 के साथ सुरक्षा मांगी है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में प्रोफेसर ने लखनऊ के प्रो. रविकांत पर हुए हमले का भी जिक्र किया है। उन्होंने मोदी को याद दिलाया कि कभी आपने यह बयान भी दिया था कि गोली मारनी है तो मुझे मार दो, मेरे दलित भाइयों पर हमले मत करो।

अहमदाबाद में एआईएमआईएम प्रवक्ता दानिश कुरैशी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि शिवलिंग पर गलत टिप्पणी की थी। इस मुद्दे पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था और दो थानों में एफआईआर कराई थी। उसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

Comment on Shivling: DU professor sought security, arrested in Ahmedabad - Satya Hindi
एआईएमआईएम प्रवक्ता दानिश कुरैशी को अहमदाबाद में गिरफ्तार किया गया

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोग बहस में उलझ गए हैं। इस दौरान सारे धार्मिक, सामाजिक सद्भाव को भुलाकर एक दूसरे के धर्म पर टिप्पणियां की जा रही हैं। टिप्पणियों को पढ़ने से पता चलता है कि लोग अपना कॉमन सेंस तक खो चुके हैं। 

बता दें कि वाराणसी की स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी का निर्देश दिया था। उसने दो कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किए थे। इनमें से एक कोर्ट कमिश्नर ने मीडिया को बता दिया कि वहां शिवलिंग मिला था। उसके बाद अदालत ने उस एरिया की सुरक्षा का आदेश देते हुए नमाज और वजू पर पाबंदी लगा दी थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने उस जगह की सुरक्षा का आदेश दिया और कहा कि वहां नमाज और वजू की भी अनुमति है। उसने संख्या भी नहीं बताई, जिसका अर्थ है कि कितने भी लोग नमाज पढ़ने जा सकते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें