कांग्रेस अब मनरेगा बचाओ अभियान शुरू करेगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बड़े फ़ैसले की घोषणा की। इसका निर्णय कांग्रेस वर्किंग कमेटी की शनिवार की बैठक में लिया गया। नए साल में, 5 जनवरी से पूरे देश में 'मनरेगा बचाओ आंदोलन' शुरू होगा। सरकार ने हाल ही में पुरानी मनरेगा योजना को खत्म करके नई 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी वीबी जी राम जी एक्ट 2025 लागू कर दिया है। खड़गे का कहना है कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गरीबों का 'काम का अधिकार' थी। इसे खत्म करना गरीबों पर जुल्म है!

खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चेतावनी दी, 'लोग गुस्से में हैं। सरकार को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। बिना किसी से पूछे ये फैसला लिया गया, अब राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।' कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन करेगी और इस नए कानून को रद्द करने की मांग करेगी। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मनरेगा को बचाने और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करने की शपथ ली गई।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खड़गे ने कहा, 'आज सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने यह शपथ ली कि मनरेगा योजना को प्रमुख बिंदु बनाकर देश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस शपथ में हमने पांच बिन्दुओं पर बात रखी है। हम शपथ लेते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी अग्रणी भूमिका लेते हुए 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी।'

खड़गे ने कहा

  • हम महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की हर हाल में रक्षा करेंगे
  • मनरेगा कोई योजना नहीं, भारत के संविधान से मिला काम का अधिकार है
  • ग्रामीण मज़दूर के सम्मान, रोज़गार, मज़दूरी और समय पर भुगतान के अधिकार के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और मांग-आधारित रोज़गार और ग्राम सभा के अधिकार की रक्षा करेंगे
  • मनरेगा से गांधी जी का नाम मिटाने और मज़दूर के अधिकार को ख़ैरात में बदलने की हर साज़िश का लोकतांत्रिक विरोध करेंगे
  • संविधान और लोकतंत्र पर भरोसा रखते हुए हम मनरेगा बचाने, मज़दूर के अधिकार बचाने और गांव-गांव तक अपनी आवाज़ बुलंद करने का संकल्प लेते हैं
खड़गे ने पूछा, 'मोदी सरकार यह कहती है कि हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं, तो उन्होंने मनरेगा योजना को तबाह क्यों किया? मोदी सरकार देश के अरबपतियों को लाखों-करोड़ रुपये दे देती है, लेकिन उनके पास गरीबों के लिए पैसा नहीं है। ये दिखाता है कि नरेंद्र मोदी को गरीबों की कोई चिंता नहीं हैं, उन्हें बस अपने अमीर दोस्तों की चिंता है। लेकिन हम गरीबों के साथ मिलकर उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे।'
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मोदी सरकार ने भी माना मनरेगा शानदार योजना: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने इसपर सवाल उठाए कि सरकार भी जब मनरेगा की योजना को बेहतर मानती थी तो इसको क्यों ख़त्म किया गया। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने 16 दिसंबर 2025 को संसद में माना था कि नीति आयोग के अध्ययन में पाया गया है कि 'मनरेगा' से ड्यूरेबल असेट्स बनें हैं। मनरेगा बहुत ही शानदार योजना रही, ऐसा कई सारी रिपोर्ट्स में भी बताया गया। कोरोना काल में भी मनरेगा योजना के चलते बहुत से प्रवासी मजदूरों की मदद हुई थी।'

मनरेगा काम के अधिकार का विचार: राहुल

राहुल गांधी ने कहा, 'मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं थी, बल्कि यह काम के अधिकार पर आधारित एक विचार था। मनरेगा से देश में करोड़ों लोगों को न्यूनतम मज़दूरी सुनिश्चित होती थी। मनरेगा पंचायती राज में सीधा राजनीतिक हिस्सेदारी और फाइनेंस सपोर्ट का साधन था।' उन्होंने आगे कहा, 'मोदी सरकार अधिकारों के विचार और संघीय ढाँचे पर हमला कर रही है। मोदी सरकार राज्यों से पैसा छीन रही है। यह सत्ता का केन्द्रीकरण और फाइनेंस का केन्द्रीकरण है। इससे देश और गरीब जनता को नुकसान है।'
यह फ़ैसला सीधे प्रधानमंत्री दफ्तर से लिया गया है और मंत्री, कैबिनेट से बिना पूछे यह फैसला लिया गया है। इससे पता चलता है कि देश में वन मैन शो चल रहा है। जो भी नरेंद्र मोदी करना चाहते हैं, वो करते हैं, जिसका फायदा चंद पूंजीपतियों को होता है।
राहुल गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता
कांग्रेस

'महात्मा गांधी का अपमान'

खड़गे ने जोर देकर कहा कि मनरेगा को रद्द करना करोड़ों गरीबों और कमजोर वर्गों के पेट पर लात मारने जैसा है। "यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है। सोनिया गांधी जी ने हाल ही में लिखा है कि मनरेगा ने महात्मा की 'सर्वोदय' की सोच को साकार किया और काम के संवैधानिक अधिकार को लागू किया। इसका खत्म होना हमारी सामूहिक नैतिक असफलता है, जिसका असर करोड़ों कामगारों पर पड़ेगा।"
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मनरेगा का असर

खड़गे ने याद दिलाया कि 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली में सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह ने मनरेगा की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, 'यह दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बना। इससे गांवों में पलायन रुका, सूखा, भुखमरी और शोषण से मुक्ति मिली। दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मजदूरों को भरोसा मिला कि सरकार उनके साथ है।' उन्होंने बताया कि मनरेगा की वजह से एक पूरी पीढ़ी गरीबी से बाहर निकली, स्कूल गई और सम्मान से जी रही है। खड़गे ने कहा कि जब वे लेबर मिनिस्टर थे, तो जी-20 और आईएलओ की बैठकों में दूसरे देशों के नेता इस योजना की तारीफ करते थे।

एसआईआर की आलोचना

खड़गे ने विशेष गहन संशोधन यानी एसआईआर को लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि राहुल जी ने तथ्यों के साथ 'वोट चोरी' का खुलासा किया है। खड़गे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि पूरा देश चिंतित है। साथ ही क्रिसमस पर बीजेपी-आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा हमलों को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया।