loader

त्रिशंकु विधानसभा? छोटे दलों से संपर्क में हैं कांग्रेस-बीजेपी

अब जबकि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में 24 घंटे से भी कम समय बचा हुआ है, छोटे राजनीतिक दलों का भाव बढ़ गया है। एग्ज़िट पोल के मुताबिक़, जिन राज्यों में किसी एक दल को बिल्कुल स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, वहाँ मुख्य दल छोटे दलों को पटाने की कोशिश में लग गए हैं। इस खेल में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही सक्रिय हैं। कांग्रेस और बीजेपी इस कोशिश में हैं कि किसी तरह छोटे दलों को रिझा कर या उनसे सौदेबाजी कर समय रहते ही अपने पक्ष में कर लिया जाए ताकि नतीजा निकलने पर उनकी स्थिति मजबूत रहे। दोनों की कोशिश इस खेल में दूसरे से आगे निकलने की है। इससे छोटे दलों की अहमियत बढ़ गई है। वे ‘किंग मेकर’ की स्थिति में आ गए हैं।
हाशिए पर खड़ी छोटी पार्टियों की अहमियत यकायक बढ़ गई है। कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही उनसे संपर्क कर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं ताकि स्पष्ट बहुमत से थोड़ा पीछे रहने पर उनकी मदद से सरकार बनाई जा सके।

क्या हुआ था कर्नाटक में?

इस पूरे खेल को समझने के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव और उसके नतीजे को देखना होगा। वहाँ मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच थी, लेकिन किसी को साफ़ बहुमत नहीं मिला, दोनों ने छोटे दलों को पटाने की कोशिश की। अंत में जनता दल सेक्युलर के नेता एसडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया, जबकि उनके पास इन दोनों ही दलों से कम विधायक थे। 

गोंडवाना गोमांतक पार्टी

मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच लगभग बराबर की टक्कर हैं, हालाँकि कांग्रेस को बहुत ही महीन अंतर की बढ़त दिखाई जा रही है। वहाँ गोंडवाना गोमांतक पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। बीएसपी को पिछले चुनाव में लगभग 4 फ़ीसद वोट मिले थे, गोमांतक पार्टी का प्रभाव कुछ ही सीटों पर है। बीजेपी और कांग्रेस की निगाह इन पर इसलिए है कि यदि 4-5 सीटों के अंतर से पिछड़े तो इन दलों की मदद से सरकार बनाई जा सके।

माया-जोगी

छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी ने अजित जोगी के दल छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से मिल कर चुनाव लड़ा। इन दोनों दलों के कुल वोट शेयर लगभग 7-8 प्रतिशत है। यदि से दोनों मिल कर 10 सीटें भी निकल ले गए तो इनकी अहमियत एकदम बढ़ जाएगी। यदि 5 सीटों पर इनकी जीत हो गई तो ये  बीजेपी या कांग्रेस के कम-से-कम बात तो कर ही सकते हैं।
गोन्डवाना गोमांतक पार्टी को दो-तीन सीटें भी मिल जाएँ तो वह खुश होगी। पर किसी कांग्रेस-बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में उसकी अहमियत इतनी बढ़ जाएगी कि ये बड़े दल उसे मुंहमाँगी क़ीमत देने को तैयार हो जाएँगे।

ओवैसी की राजनीति

तेलंगाना में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहाद-ए-मुसलमीन यानी एआईएमआईएम ने ख़ुद 8 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन बाक़ी की सभी सीटों पर उनसे सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति का समर्थन किया है। लेकिन दोनों के बीच कोई गठबंधन नहीं है। बीजेपी ने ने कहा है कि टीआरएस यदि एआईएमआईएम का साथ न ले तो वह उसे समर्थन कर सकती है। इसे टीआरएस ने ख़ारिज़ कर दिया है। 
Congress, BJP trying to woo smaller parties after assembly polls - Satya Hindi
दूसरी ओर, कांग्रेस थोड़े-बहुत सीटों के अंतर से पीछे रह गई तो वह एआईएमआईएम पर भरोसा कर सकती है। इससे उसके धर्मनिरपेक्ष छवि को भी सहारा मिलेगा और वह अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी को रोक सकेगी।  

'किंग नहीं, किंग-मेकर'

छोटे दल ‘किंग’ न सही ‘किंग-मेकर’ बन सकते हैं। मुख्य दलों को यह फ़ायदा होता है कि छोटे दलों को आसानी से और छोटी-मोटी बातों से राज़ी कराया जा सकता है क्योंकि उनके पास और कोई रास्ता नहीं रहता है। सबकी निगाहें मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में इन छोटे दलों की ओर है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें