कांग्रेस ने इसराइल के भारत में राजदूत द्वारा पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया है। प्रियंका गांधी ने ग़ज़ा में चल रहे संघर्ष को 'नरसंहार' करार देते हुए एक पोस्ट साझा की थी। जिसके जवाब में इसराइली राजदूत ने इसे 'शर्मनाक हिप्पोक्रेसी' बताया था। इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सवाल किया कि क्या भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को इसराइल तय करेगा।

नैतिक रूप से मोदी सरकार कायर हैः जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "इसराइल के राजदूत द्वारा प्रियंका गांधी वाड्रा के गाजा में चल रहे नरसंहार पर व्यक्त दुख और पीड़ा के जवाब में इस्तेमाल किए गए शब्दों की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।" उन्होंने आगे कहा कि यह अपेक्षा करना कि नरेंद्र मोदी सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई करेगी, 'बेकार' है, क्योंकि सरकार का रवैया 'नैतिक कायरता' को दर्शाता है।

भारत की संप्रभुता पर सीधा हमलाः खेड़ा

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा, "विश्व स्तर पर नरसंहार के आरोपों का सामना कर रहे एक देश का राजदूत भारत की सिटिंग सांसद पर निशाना साधे, यह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है। यह भारत की संप्रभुता और गरिमा पर सीधा हमला है।"
प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट में ग़ज़ा में मासूम बच्चों और नागरिकों की मौत पर दुख जताया था और इसे 'अमानवीय' करार दिया था। उनके इस बयान पर इजरायली राजदूत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद यह विवाद और गहरा गया। प्रियंका ने अल जज़ीरा के पांच पत्रकारों की हत्या पर भी गहरा दुख जताया था।
कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या भारत की विदेश नीति अब अन्य देशों के राजदूतों के बयानों से प्रभावित होगी। पार्टी ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही है और इसे भारत की संप्रभुता से जोड़कर देखा जा रहा है।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत और इजरायल के बीच कूटनीतिक संबंधों को लेकर पहले से ही कई मुद्दों पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और इसे देश की गरिमा से जोड़ा है।

इसराइली राजदूत का आपत्तिजनक बयान 

इसराइली राजदूत रूवेन अज़ार ने कल एक्स पर सीधे प्रियंका को संबोधित करते हुए लिखा था- बयान शर्मनाक बात तो आपकी हिप्पोक्रेसी है। इसराइल ने 25,000 हमास आतंकियों (लड़ाकों) को मार गिराया। मानव जीवन की भयानक कीमत हमास की नागरिकों के पीछे छिपने की घिनौनी चालों, पलायन करने या सहायता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी और रॉकेट हमलों के कारण हुई है। इसराइल ने ग़ज़ा में 20 लाख टन भोजन पहुँचाया, जबकि हमास उसे ज़ब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भुखमरी पैदा हो रही है। पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450% बढ़ी है, वहाँ कोई नरसंहार नहीं हुआ। हमास के आँकड़ों पर यकीन मत कीजिए।