जिन लोगों ने अपनी जान जोख़िम में डाल कर कोरोना प्रभावित इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाला, उनका ही बहिष्कार कर दिया गया है। है न ताज्जुब और शर्म की बात!