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दिल्ली में दो महीनों में 35,000 मौतें, कोरोना से कितने मरे?

क्या दिल्ली सरकार कोरोना से होने वाली मौतों को जानबूझ कर छिपा रही है? यह सवाल इसलिए उठता है कि दिल्ली के तीनों म्युनिसपल कॉरपोरेशनों से जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों और दिल्ली सरकार के कोरोना मौत के आँकड़ो में भारी अंतर है। 

दिल्ली में इन तीन म्युनिसपल कॉरोपोरेशन ने इस साल अप्रैल-मई में  34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए। लेकिन सरकार का कहना है कि इन दो महीनों में कोरोना से 13,201 लोगों की मौत हो गई। 

इसके साथ ही यह सवाल उठना लाज़िमी है कि बाकी के 21,549 लोगों की मौत किससे और क्यों हो गई। 

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भयावह तसवीर

इन आँकड़ों को यदि पिछले साल के आँकड़ों से तुलना करें तो तसवीर अधिक भयावह है। अप्रैल 2020 में दिल्ली में 4,441 लोगों की मौत हुई, जबि अप्रैल 2021 में यह संख्या 10,750 पर पहुँच गई।

इसी तरह मई 2020 में 5,475 मृत्यु प्रमाण पत्र दिए गए जबकि इस साल मई में यह संख्या 24,000 थी। 

आरोप यह लग रहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र जितने लोगों को दिए गए हैं, उससे अधिक मौते हुई हैं। कुछ लोगों को अभी मृत्यु प्रमाण पत्र मिला नहीं है तो ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है, जिनके मृत्यु पत्र पर मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा गया है और यह जानबूझ कर किया गया है। 

दिल्ली उत्तर म्युनिसपल कॉरपोरेशन के मेयर जय प्रकाश ने पत्रकारों से कहा कि घर-घर जाकर इसका सर्वे होना चाहिए कि कोरोना से कितने लोगों की मौत हुई है। 

corona second wave : 35000 death certificate in delhi - Satya Hindi
अप्रैल-मई वह समय था, जब कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी और लोग बड़ी तादाद में रोज़ाना मर रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी के सभी श्मशान घाटों पर ज़बरदस्त भीड़ रहती थी और परिजनों को अपने लोगों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। 

कोरोना मौतों को छिपाने की कोशिशें सिर्फ दिल्ली में हुई हों ऐसा नहीं है। 

गुजरात

गुजरात से छपने वाले अख़बार 'दिव्य भास्कर' ने अपनी एक ख़बर में कहा है कि 1 मार्च से 10 के बीच 1.23 लाख मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया है, जबकि सरकार का कहना है कि कोरोना से 4,218 लोगों की मौत हुई है। तो बाकी लगभग 1.18 लाख लोगो की मौत कैसे हुई?

पिछले साल गुजरात में इसी दौरान 58 हज़ार मृत्यु प्रमाण पत्र दिए गए थे। यानी, पिछले साल की तुलना में इसी अवधि में 65 हज़ार अधिक लोगों की मौत हुई है। लेकिन सरकार पर भरोसा करें तो कोरोना से सिर्फ़ 4,218 लोगों की ही मौत हुई है, बाकी मौतें कैसे हुई हैं?

corona second wave : 35000 death certificate in delhi - Satya Hindi

मध्य प्रदेश

कोरोना से मौतें छिपाने का आरोप मध्य प्रदेश पर भी लग रहा है। सरकार का झूठ इससे पकड़ में आसानी से आता है कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किए गए लोगों और कोरोना से होने वाली मौतों के सरकारी आँकड़ों के बीच बड़ा अंतर है। इसे 16 अप्रैल से 1 मई के बीच मध्य प्रदेश के बड़े सात शहरों के आँकड़ों से समझा जा सकता है।

भोपाल में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 1663 लोगों की अंत्येष्टि की गई जबकि सरकार कोरोना से मरने वालों की तादाद 67 बता रही है। जबलपुर में ये आँकड़े क्रमश: 969 और 99 हैं। छिंदवाड़ा में कोरोना प्रोटोकॉल से 635 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ जबकि सरकार कोरोना से मरने वालों की संख्या 19 बता रही है। इंदौर में ये आँकड़े 511 और 105 हैं। 

महाराष्ट्र

कोरोना से मौत के मामले में आँकड़ा छिपाने और झूठ बोलने के आरोप महाराष्ट्र सरकार पर भी लगे हैं। यह आरोप किसी और ने नही, गुजरात और मध्य प्रदेश में जिस बीजेपी की सरकार है, महाराष्ट्र में उसी बीजेपी ने यह आरोप शिवसेना नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार पर लगाए हैं।

महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बाकयदा चिट्ठी लिख कर ये आरोप लगाए हैं। 

कोरोना संकट पर देखें वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का यह वीडियो। 
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क़मर वहीद नक़वी
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