जीनोम सीक्वेंसिंग पर इसलिए जोर दिया जा रहा है कि जब भी संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वायरस के नया स्ट्रेन या म्यूटेंट को ज़िम्मेदार माना जाता है। आसान शब्दों में कहें तो नये किस्म के कोरोना की आशंका रहती है। और इसका पता तभी चलता है जब जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए।