तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपने 90वें जन्मदिन से ठीक पहले अपने उत्तराधिकारी की चयन प्रक्रिया को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने साफ़ किया कि उनके रेनकार्नेशन और उत्तराधिकारी के चयन का एकमात्र अधिकार उनकी ग़ैर-लाभकारी संस्था ‘गदेन फोद्रांग ट्रस्ट’ के पास होगा। इस बयान ने चीन को तिलमिला दिया है। इसने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए चीन सरकार की मंजूरी ज़रूरी है। इस विवाद ने तिब्बती बौद्ध धर्म और क्षेत्रीय राजनीति को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
दलाई लामा की उत्तराधिकारी योजना से चीन क्यों बौखलाया?
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- 2 Jul, 2025
दलाई लामा की उत्तराधिकारी योजना पर चीन ने कड़ी आपत्ति क्यों जताई? चीन क्यों कह रहा है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में उसकी मंजूरी जरूरी है?

धर्मशाला में दलाई लामा ने तिब्बती बौद्ध समुदाय को आश्वस्त किया कि 600 साल पुरानी दलाई लामा की परंपरा उनके निधन के बाद भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, 'मैं यह साफ़ करता हूँ कि दलाई लामा की संस्था निरंतर बनी रहेगी। भारत में स्थित गदेन फोद्रांग ट्रस्ट को मेरे रेनकार्नेशन की पहचान करने का एकमात्र अधिकार होगा। इसमें किसी अन्य की कोई भूमिका नहीं होगी।'