सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है और वीडियो शेयर किया।
दिल्ली के चितरंजन पार्क इलाके का एक वीडियो वायरल है जिसे तृणमूल काँग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। महुआ मोइत्रा ने अपने पोस्ट में लिखा है कि देखिए किस तरह भाजपा के भगवा गुंडे चितरंजन पार्क के मछली खाने वाले बंगालियों को धमका रहे हैं। लोगों का कहना है कि पिछले साठ सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ।
चितरंजन पार्क को दिल्ली का मिनी बंगाल कहा जाता है क्योंकि इस इलाके में काफी संख्या में बंगाली लोग रहते हैं। मांसाहार बंगालियों में काफी लोकप्रिय है। इसलिए इलाके में मांस-मछली की काफी दुकानें हैं। बंगाली घरों में मछली उनकी आराध्य देवी को भी अर्पित होता है इसलिए बंगाली मंदिरों के परिसर में अमूमन मछली की दुकानें दिख जाती हैं। यह परंपरा सालों से चली आ रही है।
कुछ दिनों पहले कुछ लोगों ने इलाके में इस बंगाली परंपरा को बंद करवाने की कोशिश की। भगवा कपड़े पहने ये लोग चितरंजन पार्क की मार्केट पहुंचे। वहाँ मांसाहार की दुकानों पर पहुंचकर व्यवसायियों को धमकाने लगे। जैसा कि वीडियो में देखा जा सकता है उन लोगों ने दुकानदारों को तुरंत दुकान बंद करने का आदेश दिया।
जब स्थानीय लोगों ने और दुकानदारों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो उन्होंने कहना शुरू किया कि यह सनातन विरोधी है। दुकान जबरन बंद करवाने आये गुंडों ने तर्क देना शुरू किया कि मंदिर के परिसर में जीव हत्या नहीं की जा सकती है।
कुछ लोगों ने उन्हें सनातन धर्म की अलग-अलग मान्यताओं का वास्ता दिया और बताया कि हिन्दू धर्म में कई जगह बलि प्रदान और मछली चढ़ाने का प्रावधान है तो उन ये लोग इस बात को सिरे से खारिज करने लगे। उन्होंने कहा कि यह बात एकदम झूठी है और शास्त्रों में इसका कहीं ज़िक्र नहीं है। इन लोगों ने स्थानीय लोगों के मछली खाने को सनातनियों की भावना पर प्रहार तक करार दे दिया।
जब दुकानदारों ने बताया कि उन्हें यह जगह डीडीए यानि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने आवंटित की है तो जबरिया दुकान बंद करवाने पहुंचे भगवा दल के लीडर ने दावा भी कर दिया कि “डीडीए को भी सुधार देंगे।“
डीडीए दिल्ली के समूचे आवासीय-व्यावसायिक प्लानिंग और विकास के लिए जिम्मेदार है। यह संस्था भारत सरकार के अंदर काम करती है।
इन गुंडों से भाजपा ने छुड़ाया पीछा!
दुकान बंद करवाने की कोशिश करने वाले आदमी की पहचान सामने नहीं आ पाई है। हालांकि इस मामले में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की टिप्पणी जरूर आ गई है। उन्होंने इस घटना की निंदा की है और आरोप लगाया है कि “कुछ लोगों ने अपने राजनैतिक स्वार्थ में सीआर पार्क में सामुदायिक सौहार्द की कोशिश में यह हरकत की है।“उन्होंने सी आर पार्क के व्यापारियों का समर्थन किया और यह कहा कि "सभी को मंदिरों की पवित्रता का सम्मान करना चाहिए और यहां सीआर पार्क मछली बाजारों में व्यापारियों ने हमेशा मंदिरों का सम्मान किया है। मछली बाजारों को कानूनी रूप से आवंटित किया गया है। यहाँ के व्यापारी क्षेत्र में उच्च स्तर की सफाई बनाए रखते हैं और सीआर पार्क की सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लेते हैं।"
उन्होंने दिल्ली पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है पर मामले की जांच चल रही है।
आपको बता दें, देशबंधु चितरंजन दास के नाम पर बनाया गया सी आर पार्क दिल्ली में खाने-पीने के मामले में मशहूर है। लोग यहाँ तरह-तरह के खाने के लिए पहुँचते हैं। यह इलाका विभाजन के बाद बंगाली लोगों को जगह देने के लिए तैयार किया गया था। सी आर पार्क का बाजार अपनी प्रसिद्धि की कीमत भी भुगतता है। इसे बंद करवाने की कोशिशें पहले भी हो चुकी हैं।
इस मामले में सोशल मीडिया पर भी खूब हंगामा हुआ है। एक सोशल मीडिया यूज़र ने इन भगवाधारियों की सनातन समझ पर सवाल उठाते हुए यहाँ तक लिख दिया है कि “क्या इन सनातनियों को पता भी है कि तारा पीठ में श्मशान के अंदर शव जलाकर पूजा की जाती है। ऐसी पूजा में माँ तारा को मदिरा और मांस का भोग लगाया जाता है! माँ कामाख्या के साथ भी ऐसा ही है!” इस घटना ने एक बार फिर देश में शाकाहार जबरन थोपने के बहाने होने वाली गुंडई को उजागर कर दिया है।