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यूट्यूब ये क्या हुआ... EVM वाले सभी वीडियो के साथ चुनाव आयोग का संदेश क्यों?

वीडियो की लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट YouTube ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के बारे में संदेह पैदा करने वाले तमाम वीडियो के साथ एक "संदर्भ" सूचना पैनल जोड़ा है, जिस पर भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) का संदेश आता है। जिसमें ईवीएम और वीवीपैट को लेकर तमाम संदेहों का खंडन किया गया है। यानी अगर आप कंटेंट क्रिएटर हैं और आपने ईवीएम से जुड़ा कोई भी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया है तो अब उसके साथ चुनाव आयोग का तमाम शक को अस्वीकार करने वाला संदेश भी आएगा। वीडियो के नीचे इस सूचना पैनल में ईवीएम और वीवीपैट (वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) को लेकर पूछे जाने वाले सवालों का लिंक ईसीआई के पेज पर ले जाता है।

यूट्यूब पर स्वतंत्र कंटेंट बनाने वाले लोगों ने ईवीएम पर शक जताते हुए तमाम वीडियो डाले हैं। कुछ कंटेंट क्रिएटर यानी वीडियो बनाने वालों ने मजबूत दावों के साथ ईवीएम की निष्पक्षता पर संदेह जताया है। कुछ क्रिएटर ने इस पर विशेषज्ञ होने का दावा करते हुए वीडियो बनाए हैं। लेकिन अब हर वीडियो के साथ चुनाव आयोग का संदेश भी वीडियो देखने वाले को पढ़ाया जाएगा।
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ऐसे सभी वीडियो पर चुनाव आयोग के संदेश का शीर्षक है- 'भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग, भारतीय चुनाव आयोग', जिसमें आगे कहा गया है कि "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में मजबूत तकनीकी सुरक्षा उपाय और ईसीआई द्वारा लगाए गए विस्तृत प्रशासनिक सुरक्षा उपाय, प्रक्रियाएं और सुरक्षा यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष होते हैं।” अगर यूट्यूब पर कोई अंग्रेजी में ईवीएम या वीवीपैट शब्द लिखकर खोजता है तो उसे वही सूचना पैनल दिखेगा। आप लोगों के समझने के लिए नीचे एक स्क्रीन शॉट लगाया जा रहा है। आप चाहे ईवीएम लिखे या वीवीपैट सबसे ऊपर आपको चुनाव आयोग का संदेश लिखा हुआ मिलेगा।
ECI disclaimer: while watching YouTube videos on EVM doubts, now you will have to read this - Satya Hindi
अब प्रयोग के लिए यूट्यूब पर हिन्दी में वीवीपैट लिखकर जो नतीजा आया, उसमें भी चुनाव आयोग का वही संदेश लिखा हुआ नजर आ रहा है। यानी अंग्रेजी या हिन्दी के अलावा भारत की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी ईवीएम और वीवीपैट लिखने पर यही संदेश आएगा। हिन्दी वाला स्क्रीन शॉट देखिए- 
ECI disclaimer: while watching YouTube videos on EVM doubts, now you will have to read this - Satya Hindi

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में लिखा गया है- समझा जाता है कि यूट्यूब ने यह कार्रवाई तब की है जब चुनाव आयोग ने हाल ही में उसे पत्र लिखकर लगभग 70 वीडियो की सूची के साथ सूचना पैनल जोड़ने के लिए कहा था। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि यह ईवीएम और वीवीपैट के इस्तेमाल पर संदेह को दूर करने के चुनाव आयोग के प्रयासों का एक हिस्सा है। बता दें कि ये सभी 70 वीडियो ईवीएम पर शक जताने वाले हैं। जिन्हें चुनाव आयोग ने तलाश कर अपना संदेश लगवाया है।

पिछले साल 9 अगस्त को विपक्ष ने जब इस मसले को उठाया तो चुनाव आयोग ने अपनी साइट पर ईवीएम से जुड़े संदेहों को लेकर एक पेज 23 अगस्त 2022 को डाला। जिसमें आयोग ने अपने सवालों के जवाब दिए। लेकिन इसके बाद भी संदेह दूर नहीं हुए। विपक्ष लगातार ज्ञापन देक मामला उठाता रहा। अभी 30 दिसंबर को कांग्रेस के जयराम रमेश ने फिर एक पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया। लेकिन आयोग ने आरोपों को खारिज कर दिया। अब विपक्ष की मांग है कि 100 फीसदी वीवीपैट की पर्ची मतदाता को सौंपते हुए इसकी गिनती कराई जाए।


हालांकि यूट्यूब मानवाधिकार, अभिव्यक्ति की आजादी को बढ़ावा देने वाले कंटेंट बनाने यानी वीडियो बनाने वालों को महत्व देता है। इसके लिए वो अपने कुछ पार्टनरों के जरिए ग्रांट भी मुहैया कराता है लेकिन भारत के चुनाव आयोग का संदेश लगाना यह बताता है कि उस पर कहीं न कहीं से कोई दबाव है। बता दें कि यूट्यूब दरअसल गूगल की ही कंपनी है। गूगल के सीईओ इस समय भारतीय मूल के सुंदर पिचाई हैं। 

इस मामले में टिप्पणी के लिए जब यूट्यूब प्रवक्ता से संपर्क किया तो यह रिपोर्ट लिखे जाने तक प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। सूत्रों का कहना है कि फेसबुक (मेटा) और ट्विटर, इंस्टाग्राम पर भी ऐसे वीडियो पर संदेश लगवाने के लिए चुनाव आयोग कोशिश कर रहा है। यानी सोशल मीडिया की सभी साइट पर ईवीएम पर चुनाव आयोग के दावे वाले संदेश जल्द दिखने लगेंगे।

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चुनाव आयोग का यह कदम लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है, और ऐसे समय में जब विपक्षी इंडिया गठबंधन ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों पर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग को कई बार लिखा और ज्ञापन दिए। लेकिन चुनाव आयोग ने सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया। लेकिन चुनाव आयोग जनता के बढ़ते विरोध को रोक नहीं पा रहा है। 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा के नेतृत्व में कुछ वकीलों ने जंतर मंतर पर ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन लोगों ने ईवीएम पर तमाम तरह के संदेह जताते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

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क़मर वहीद नक़वी
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