ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ का शक हो तो अब उम्मीदवार इसकी जाँच करा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने इसके लिए 1 जून को सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया भेजी है। इसे चुनाव आयोग का दिशा-निर्देश भी कह सकते हैं। लेकिन ऐसा करने के लिए उम्मीदवारों के सामने शर्तें रखी गई हैं। ये इतनी सख़्त शर्तें हैं कि शायद ही कोई उम्मीदवार ईवीएम की जाँच कराने की हिम्मत जुटा पाए!
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ECI ईवीएम मेमोरी की जाँच तो कराएगा, पर ऐसी शर्तें?
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- 3 Jun, 2024
यदि उम्मीदवार को ईवीएम-वीवीपैट में छेड़छाड़ का शक है तो क्या इसकी जाँच चुनाव आयोग कराने देगा? सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने तो इसके लिए हामी भरी, लेकिन क्या इन शर्तों पर कोई जाँच करा भी पाएगा?

ऐसी क्या शर्त है कि उस पर विवाद हो सकता है, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर इसके लिए सामान्य नियम क्या है। चुनाव आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि निर्वाचन क्षेत्र में पहले दो रनर-अप उम्मीदवार कथित छेड़छाड़ या संशोधन के लिए ईवीएम माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन यानी जाँच की मांग कर सकेंगे। ऐसा तभी किया जा सकेगा जब चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद सात दिनों के अंदर इसके लिए आवेदन किया जाए।