सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड पर विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग करने वाली भारतीय स्टेट बैंक की याचिका खारिज कर दी, लेकिन उसे ऐसा करने की छूट भी दे दी है कि किस कॉरपोरेट या शख्स ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, वो इस आंकड़े का न मिलान करे और न बताए। सुप्रीम कोर्ट के सोमवार 11 मार्च के फैसले का कुल सार है-
चुनावी बांड का सुप्रीम सचः किस कॉरपोरेट ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, रहस्य रहेगा
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- 29 Mar, 2025
चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 15 फरवरी और सोमवार 11 मार्च को हर मायने में ऐतिहासिक है, लेकिन अभी भी पूरा सच सामने नहीं आ पाएगा। यानी जनता को यह बात कभी पता नहीं लग पाएगी कि किस कॉरपोरेट ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। जबकि यही सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि आखिर कॉरपोरेट ने किस राजनीतिक दल को क्या भाव दिया। लेकिन यह अब रहस्य रहेगा। जानिए पूरी बातः
