जस्टिस खन्ना ने कहा- ''इस तरह का तर्क मंजूर नहीं किया जा सकता। क्योंकि इसके बारे में कोई डेटा नहीं है। किसी प्राइवेट सर्वे से ऐसा पता नहीं चल पाएगा। यह संभव है कि कोई और इसके विपरीत जनमत संग्रह कराएगा। हम लोग उस सब में न जाएं।”
जस्टिस दत्ता ने कहा, “यह एक बहुत बड़ा काम है। किसी भी यूरोपीय देश के लिए इसका संचालन करना संभव नहीं है। जर्मनी और अन्य देशों की तुलना न करें। भूषण ने जर्मनी की आबादी के बारे में जो कहा, उससे अधिक आबादी मेरे गृह राज्य पश्चिम बंगाल की है। बहुत छोटा राज्य है... हमें किसी पर कुछ भरोसा रखना होगा। बेशक, जवाबदेही है।...लेकिन इस तरह सिस्टम को गिराने की कोशिश न करें।''