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NEWJ ने किया बीजेपी का प्रचार, फ़ेसबुक ने दी अनुमति: रिपोर्ट

रिलायंस से मदद हासिल वाली करने वाली एक न्यूज़ मीडिया कंपनी NEWJ ने फेसबुक पर बीजेपी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया था। अल ज़ज़ीरा ने एक रिपोर्ट में इसका दावा किया है। अल ज़ज़ीरा ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले NEWJ नाम के एक फेसबुक पेज पर बीजेपी के समर्थन में झूठे दावे करने वाली खबरें चलाई गईं। 

अल ज़ज़ीरा के मुताबिक, एक खबर में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को NEWJ के फेसबुक पेज पर अपने भाषण में यह कहते हुए दिखाया गया था कि उन्होंने आतंकवादी मसूद अजहर को अजहर जी कहा था। उस दौरान राहुल गांधी के इस भाषण को सिर्फ 4 दिन में 6.30 लाख व्यूज भी मिले थे।

NEWJ का नाम न्यू अमेजिंग वर्ल्ड ऑफ जर्नलिज्म लिमिटेड है और यह रिलायंस जियो की एक सहायक कंपनी है।

Facebook allowed surrogate ads of NEWJ  - Satya Hindi

अल ज़ज़ीरा की रिपोर्ट कहती है कि 2019 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की पहुंच और लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए NEWJ के द्वारा फेसबुक पर विज्ञापनों के रूप में लाखों रुपए की रकम खर्च की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, जब फेसबुक ने इस तरह के विज्ञापनों पर जवाबदेही तय करने के लिए कार्रवाई की तो बीजेपी के विरोधी दलों (विशेषकर कांग्रेस) के विज्ञापनदाताओं पर ज्यादा कार्रवाई की लेकिन NEWJ जैसे प्लेटफार्म पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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अल ज़ज़ीरा ने कहा है कि फरवरी 2019 से लेकर नवंबर 2020 तक के बीच में फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर 5,36,070 राजनीतिक विज्ञापन दिए गए। इस दौरान लोकसभा चुनाव भी हुए और 9 राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी और फेसबुक के विज्ञापनों ने बीजेपी को इसके विरोधियों पर बढ़त दिलाई। 
रिपोर्ट कहती है कि NEWJ कानूनी खामियों की वजह से बीजेपी के पक्ष में विज्ञापन चला सकी और बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचने में कामयाब रही।

NEWJ ने ख़ुद को स्टार्ट अप के तौर पर पेश किया है, जो गांव और छोटे कस्बों की खबरों को सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाता है लेकिन वास्तव में यह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन का स्पेस खरीदती है और इन पर वीडियो जारी करती है। इनमें से अधिकतर राजनीतिक प्रमोशन वाले होते हैं लेकिन इन्हें न्यूज़ स्टोरी की तरह पेश किया जाता है। 

surrogate advertisements 

फेसबुक की एड लाइब्रेरी के मुताबिक, NEWJ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के 3 महीनों के दौरान 170 राजनीतिक विज्ञापन दिखाए। इनमें से अधिकतर या तो बीजेपी नेताओं की प्रशंसा में थे या विपक्षी नेताओं की मजाक उड़ाने वाले थे। इस तरह के विज्ञापन बेहद चतुराई से लोगों के बीच में जारी किए जाते थे। ऐसे विज्ञापनों को surrogate advertisements कहा जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, NEWJ के विज्ञापन बीजेपी के पक्ष में होते हैं। इनमें झूठी जानकारियां होती हैं और मुसलिम विरोधी भावनाओं को भड़काया जाता है और विपक्षी दलों को बदनाम किया जाता है।

रिलायंस-बीजेपी से हैं संबंध

NEWJ के संस्थापक शलभ उपाध्याय हैं जिनके रिलायंस और बीजेपी दोनों के साथ करीबी संबंध हैं। उनके पिता उमेश उपाध्याय रिलायंस इंडस्ट्रीज में मीडिया निदेशक हैं और इससे पहले रिलायंस के स्वामित्व वाले न्यूज 18 ग्रुप में न्यूज़ विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके चाचा सतीश उपाध्याय दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं।

NEWJ बीजेपी के साथ किसी भी तरह के संबंध होने की बात नहीं कहता लेकिन अल जजीरा की रिपोर्ट कहती है कि जनवरी 2018 में इसके शुरू होने के बाद से मार्च 2020 तक इसे न्यूज़ ऑपरेशन या विज्ञापन देने के चलते किसी तरह का राजस्व हासिल नहीं हुआ। बजाय इसके इसने रिलायंस ग्रुप के द्वारा विज्ञापनों में लगाई गई रकम को ही खर्च किया।

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लोकतंत्र की हत्या: कांग्रेस 

कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कहा है कि यह लोकतंत्र की हत्या है। सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि लोकतंत्र की बुनियाद को बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस खबर का संज्ञान लेना चाहिए।

फ़ेसबुक पर पहले भी आरोप लगे हैं कि उसने बीजेपी नेताओं की हेट स्पीच को अपने प्लेटफ़ॉर्म से नहीं हटाया और बीजेपी के कहने पर कुछ लोगों के फ़ेसबुक पेज को हटा दिया। यह निश्चित रूप से इस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के कामकाज पर ढेरों सवाल खड़े करता है।

फेसबुक पर चुनावों को प्रभावित करने, हेट स्पीच को रोकने में फ़ेल रहने के भी आरोप लगे हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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