याचिकाकर्ता ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू करने और हरियाणा के कई जिलों जैसे अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस के निलंबन को हटाने के निर्देश देने की भी मांग की।
संयुक्त किसान मोर्चा का अलग स्टैंडः किसान संगठनों द्वारा एमएसपी पर केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद पंजाब-हरियाणा सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम और एसकेएम-ऑल इंडिया) ने स्पष्ट किया है कि उसकी संबद्ध यूनियनें 21 फरवरी के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन में भाग नहीं लेंगी।
यहां यह बताना जरूरी है कि मौजूदा किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) की ओर से हो रहा है। हालांकि हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान संगठनों और नेताओं ने आंदोलन का नैतिक समर्थन दिया है।
बीकेयू (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि उनके संघ के स्वयंसेवक वर्तमान में पूर्व-निर्धारित विरोध प्रदर्शनों में लगे हुए हैं, जिसमें सुनील जाखड़, कैप्टन अमरिंदर सिंह, केवल सिंह ढिल्लों और अन्य भाजपाइयों के आवासों के बाहर धरना भी शामिल है। इसके साथ-साथ टोल प्लाजा पर भी धरना चल रहा है। कोकरी कलां ने कहा, ''हमारी मांगें समान हैं लेकिन विरोध का तरीका अलग है।''