तालिबान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार को हुई इस प्रेस वार्ता में किसी भी महिला पत्रकार को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे तालिबान शासन की महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण नीतियों पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। यह घटना भारतीय जमीन पर हुई, जहां महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जाता है। इससे पत्रकारों व राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। आलोचकों ने इसे 'अस्वीकार्य' करार देते हुए कहा कि यह तालिबान का लिंग भेदभाव अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक फैल रहा है। विदेश मंत्रालय से इस पर कोई बयान नहीं आया है।
तालिबान मंत्री की दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को रोका? भेदभाव पर ग़ुस्सा
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- 10 Oct, 2025
तालिबान के मंत्री की दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकारों को नहीं बुलाए जाने की खबर से विवाद भड़क उठा है। इस पर सवाल क्यों खड़े हो रहे हैं?

अमीर खान मुत्तकी और एस जयशंकर
शुक्रवार को मुत्तकी की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा का दूसरा दिन था, जब दोपहर को यह प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। विदेश मंत्री ने अपनी यात्रा के विवरण साझा किए, जिसमें भारत-अफगानिस्तान के बीच विकास में सहयोग, द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय अखंडता, जन-से-जन संपर्क जैसे मुद्दों पर चर्चा शामिल थी। लेकिन इस आयोजन में केवल चुनिंदा पुरुष पत्रकारों को ही अनौपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया, जबकि महिलाओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।