तालिबान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार को हुई इस प्रेस वार्ता में किसी भी महिला पत्रकार को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे तालिबान शासन की महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण नीतियों पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। यह घटना भारतीय जमीन पर हुई, जहां महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जाता है। इससे पत्रकारों व राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। आलोचकों ने इसे 'अस्वीकार्य' करार देते हुए कहा कि यह तालिबान का लिंग भेदभाव अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक फैल रहा है। विदेश मंत्रालय से इस पर कोई बयान नहीं आया है।