जेएनयू परिसर में नकाबपोशों द्वारा तीन घंटे तक तांडव करते रहने के बावजूद पुलिस के हाथ पर हाथ धरे रहने के पीछे का सच अब खुल कर सामने आ गया है। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि उसने 4.30 बजे ही पुलिस को परिसर में आने और संभावित हिंसा रोकने के लिए कहा था। अब पुलिस भी यह मान रही है कि उसे परिसर के अंदर दाखिल होने की औपचारिक तौर पर लिखित अनुमति 7.45 पर मिली थी। लेकिन गुंडे तो तकरीबन 10 बजे तक एक हॉस्टल से दूसरे हॉस्टल में घुस कर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को पीटते रहे और पुलिस देखती रही।