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विदेश मंत्री ने कहा, कनाडा चरमपंथियों को पनाह देता है 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कनाडा चरमपंथियों को पनाह देता है। कनाडा के बिना सबूतों के भारत पर लगाए गए आरोपों के बाद भारत ने भी कड़ा रूख अपनाया है। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि भारत ने कनाडा द्वारा चरमपंथियों को पनाह देने को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में अमेरिका को अवगत करा दिया है। इससे पहले पिछले सप्ताह भारत ने कनाडा को आतंवादियों की सुरक्षित पनाहगाह कहा था।  

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कनाडा चरमपंथी तत्वों को पनाह देता है। उन्होंने कहा है कि भारत की चिंताओं से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन को अवगत करा दिया गया है। 
विदेश मंत्री की यह टिप्पणी भारत और कनाडा के बीच बढ़ते विवाद के बीच आई है। यह विवाद पिछले हफ्ते तब भड़का था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में "भारत सरकार के एजेंट" शामिल थे। 
विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक थिंक टैंक, हडसन इंस्टीट्यूट में एक चर्चा के दौरान बोल रहे थे। 
इस मौके पर उन्होंने कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने कुछ आरोप लगाए थे। पहले निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से। इस पर हमारी प्रतिक्रिया निजी और सार्वजनिक दोनों में, यह थी कि वह जो आरोप लगा रहे थे वह हमारी नीति के अनुरूप नहीं था।
कनाडा को राष्ट्रपति के आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि यदि उनके या उनकी सरकार के पास कोई प्रासंगिक और विशिष्ट बात है जिस पर वे हमसे गौर करवाना चाहते हैं, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। इस समय बातचीत यहीं पर है। 
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कनाडा में मिल रहा चरमपंथियों को ऑपरेटिंग स्पेस 

एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि कनाडाई सरकार पर हमला करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादियों और चरमपंथियों के प्रति कनाडा के बहुत ही उदार रवैये के कारण ऐसे तत्व फिर से वापस आ गये है। ये चरमपंथी तत्व खुलेआम हिंसा की वकालत करते हैं।
कनाडा की राजनीति की मजबूरियों के कारण चरमपंथियों को कनाडा में ऑपरेटिंग स्पेस दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकियों के लिए शायद कनाडा बहुत अलग दिखता है, लेकिन यह निर्भर इस पर करता है कि जूता कहां चुभता है। 
कनाडा पर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह निश्चित रूप से एक ऐसा देश रहा है जहां भारत का संगठित अपराध मानव तस्करी के साथ जुड़ा हुआ है। यह एक बहुत ही जहरीला संयोजन है। इसी कारण से कनाडा के साथ हमारे तनाव हैं।  

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आज स्थिति यह है कि भारतीय राजनयिक कनाडा में दूतावास और वाणिज्य दूतावासों में जाने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं । उन्हें सार्वजनिक रूप से धमकाया जाता है, जिसके कारण भारत को वीजा सेवाओं को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से बातचीत हुई है। 

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भारत एक बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति

एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है कि गुरुवार को मॉन्ट्रियल में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा अभी भी भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कनाडा स्थित नेशनल पोस्ट ने उनके हवाले से कहा था कि भारत एक बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है। उन्होंने कहा था कि जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं।
दोनों देशों के बीच रिश्तों में दूरियां आने का कारण जस्टिन ट्रूडो का वह बयान था जिसमें उन्होंने कहा था कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में "भारत सरकार के एजेंट" शामिल थे। इसका भारत सरकार ने जोरदार खंडन किया था। 
भारत सरकार ने कहा था कि कनाडा का बयान बिना किसी सबूत के और बिना किसी आधार का है। इस बयान के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आयी थी।  
माना जा रहा है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी मौजूद हैं और वह कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में कर रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने भारत की इससे जुड़ी चिंताओं को ही अमेरिकी विदेश मंत्री के समक्ष रखा है।  
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क़मर वहीद नक़वी
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