प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा नहीं होने की बात कहने के लिए विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बाद सरकार ने अब सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि ऐसा आँकड़ा जुटाने के लिए ज़िलों में कोई मैकनिज़्म यानी तंत्र नहीं है। यह प्रतिक्रिया संसद में नहीं आई है, बल्कि आलोचनाओं के बाद श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने सफ़ाई दी है। अब ज़ाहिर है जब कोई तंत्र ही नहीं है तो फिर आँकड़ा कहाँ से इकट्ठा किया जाएगा।
प्रवासियों की मौत: आलोचनाओं पर सरकार की सफ़ाई- आँकड़े जुटाने का कोई तंत्र नहीं
- देश
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- 16 Sep, 2020
प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा नहीं होने की बात कहने के लिए विपक्ष की तीखी आलोचनाओं के बाद सरकार ने अब सफ़ाई दी है। इसने कहा है कि ऐसा आँकड़ा जुटाने के लिए ज़िलों में कोई मैकनिज़्म यानी तंत्र नहीं है।

फ़ाइल फ़ोटो।
एक दिन पहले जब संसद के मानसून सत्र में जब यह सवाल पूछा गया था कि क्या लॉकडाउन में अपने-अपने घर वापस जाने के दौरान मारे गए प्रवासी मज़दूरों के परिवार वालों को हर्जाना दिया गया है तो केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कहा था कि प्रवासी मज़दूरों की मौत का आँकड़ा ही नहीं है तो हर्जाना देने का सवाल ही नहीं उठता है।