loader

जम्मू-कश्मीर से कुछ दिनों में हटायी जाएगी पाबंदी: केंद्र सरकार

जम्मू-कश्मीर में लगाई गई पाबंदी को अगले कुछ दिनों में हटाया जा सकता है। सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि पाबंदी को कुछ दिनों में हटा लिया जाएगा। सरकार की यह प्रतिक्रिया सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका पर आई है जिसमें मीडिया पर बैन हटाने की माँग की गई है। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सुरक्षा एजेंसियाँ हर दिन हालात बेहतर करने की कोशिश में हैं और स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद से कश्मीर में क़रीब दस दिन से कर्फ़्यू जैसे हालात हैं। बड़ी संख्या में सशस्त्र जवानों की तैनाती की गई है और लोगों को बेरोक-टोक आने जाने की छूट नहीं है। 

ताज़ा ख़बरें
'कश्मीर टाइम्स' की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर माँग की है कि कोर्ट सरकार को यह निर्देश दे कि संचार सेवाएँ सुचारू की जाएँ जिससे मीडिया सही तरीक़े से क्षेत्र में काम कर सके। बता दें कि जब से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में फेरबदल किया गया है तब से टेलिफ़ोन, फ़ोन लाइनें कटी हुई हैं और इंटरनेट सेवाएँ बाधित हैं। 

अब अगली सुनवाई में फ़ैसला

भसीन ने यह भी माँग की कि केंद्र सरकार मीडिया कर्मियों के कश्मीर और जम्मू के कुछ ज़िलों में आने-जाने की पाबंदी हटाए। सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ‘मैंने मीडिया रिपोर्ट में पढ़ा है कि लैंडलाइन और ब्रॉडलाइन पर प्रतिबंध आज शाम तक हटा दिए जाने की संभावना है।’ याचिकाकर्ता ने सीजेआई से जम्मू-कश्मीर में लैंड लाइन कनेक्शन चालू करने के लिए निर्देश जारी करने की माँग की। इस पर जस्टिस बोबडे ने कहा कि लैंड लाइन कनेक्शन चालू है, जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट के जज से बात हुई है। सरकार के वकील के.के. वेणुगोपाल ने दलील दी कि अख़बार जम्मू से प्रकाशित किया जा रहा है, श्रीनगर से नहीं, और जम्मू से पहले ही प्रतिबंध हटा लिया गया है। हालाँकि अगली सुनवाई के लिए बिना तारीख़ तय किए ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य संबंधित मामलों के साथ मीडिया प्रतिबंधों पर भी मामले को सुना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर मामले में फ़िलहाल कोई आदेश देने से इनकार कर दिया।

देश से और ख़बरें
बता दें कि अनुच्छेद 370 में बदलाव और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बाँटने के फ़ैसले के पहले ही कई तरह की पाबंदियाँ लगा दी गईं। पूरे क्षेत्र में बड़ी तादाद में सशस्त्र बलों को तैनात किया गया। राज्य के सभी बड़े नेताओं को पहले नज़रबंद किया गया था, लेकिन बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया। लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगा दी गई। फ़ोन लाइन बंद कर दी गईं और इंटरनेट सेवा भी ठप्प कर दी गई। हालाँकि कई क्षेत्रों में इन सेवाओं को धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें