किसानों का आंदोलन भले ही तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध से शुरू हुआ था, लेकिन इन क़ानूनों के वापस लिए जाने पर ही यह ख़त्म नहीं हुआ। किसान इन क़ानूनों के अलावा छह अन्य मांगों को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन पहले सरकार इस पर राजी नहीं हो रही थी।