केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश में कहा गया था कि तत्काल प्रभाव से हलाल प्रमाणीकरण वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि निर्यात के लिए निर्मित उत्पादों को छूट रहेगी।
'हलाल' क्या है जिस पर यूपी में लगा प्रतिबंध: हलाल एक अरबी शब्द है जिसका मतलब वैध या जायज है। इस्लाम धर्म में जिन चीजों को हलाल माना गया है इसे ही मुस्लिम खा सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह शब्द विशेष रूप से इस्लामी आहार संबंधी कानूनों से जुड़ा है, जिसका तात्पर्य उस भोजन से है जो इस्लामी विश्वास के अनुपालन में खरीदा, संसाधित और व्यापार किया जाता है। हलाल का विपरित हराम होता है। हराम का मतलब ऐसी चीजें जिन्हें खाना या इस्तेमाल करना वर्जित है।
हलाल सर्टिफिकेट कौन जारी करता है: इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हलाल सर्टिफिकेट उपभोक्ता को बस यह बताता है कि कोई उत्पाद हलाल माने जाने की आवश्यकताओं को पूरा करता है या नहीं। वे मांस की उपस्थिति का संकेत नहीं देते हैं, या स्वयं में, उनका मांस से कोई लेना-देना नहीं है। भारत में हलाल उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए कोई आधिकारिक नियामक संस्था नहीं है। बल्कि, विभिन्न हलाल प्रमाणन एजेंसियां हैं जो कंपनियों, उत्पादों या खाद्य प्रतिष्ठानों को हलाल सर्टिफिकेट देती हैं। उनकी वैधता मुस्लिम उपभोक्ताओं के बीच उनके नाम-पहचान के साथ-साथ इस्लामी देशों में नियामकों से मान्यता में निहित है।