loader

हिन्दू महापंचायत में जमकर नफरती भाषण, खास समुदाय को खुली धमकियां

नूंह से चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित पलवल के पोंडरी गांव में आयोजित हिन्दू महापंचायत में पुलिस अधिकारी रविवार 13 अगस्त को असहाय होकर नफरती भाषण सुनते रहे। किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं कि वो किसी भी वक्ता को चुप करा सके। एनडीटीवी, इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टुडे ने पलवल के हिन्दू महापंचायत में दी गई हेट स्पीच की विस्तृत रिपोर्टिंग की है। 
पलवल पुलिस ने सरकार के आदेश पर पहले इस महापंचायत को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। लेकिन रविवार सुबह कुछ शर्तों के साथ इसे अनुमति दे दी गई। पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने एएनआई को दिए गए वीडियो बयान में कहा था कि हमने आयोजकों से हेट स्पीच नहीं देने और 500 से ज्यादा भीड़ नहीं होने की शर्त रखी थी। लेकिन महापंचायत में कुछ वक्ताओं ने पुलिस की निगरानी में खुली धमकियां दीं। हालांकि आयोजकों का दावा है कि वक्ताओं को नफरत भरे भाषण न देने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कुछ वक्ताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। एक वक्ता को यह कहते हुए सुना गया, "यदि आप उंगली उठाएंगे, तो हम आपके हाथ काट देंगे," जबकि कुछ वक्ताओं ने राइफलों के लिए लाइसेंस की मांग की। ताकि इन राइफलों का इस्तेमाल समुदाय विशेष से बचाव में किया जा सके। 

ताजा ख़बरें
यह पंचायत नूंह में दो सप्ताह पहले हुई सांप्रदायिक हिंसा में छह लोगों की मौत के बाद आयोजित की गई। विश्व हिंदू परिषद की धार्मिक यात्रा को "पूरा करने" पर चर्चा करने के लिए हिंदू समूहों ने यह महापंचायत बुलाई थी। आयोजकों ने पहले इसे नूंह में आयोजित करना चाहा लेकिन वहां प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देकर इस पर रोक लगा दी। तब इसे पलवल के पोंडरी गांव में शिफ्ट कर दिया गया जो मेवात से सटा हुआ है। 
इंडिया टुडे के मुताबिक महापंचायत में, हरियाणा गौ रक्षक दल के आचार्य आज़ाद शास्त्री ने इसे "करो या मरो की स्थिति" कहा और युवाओं से हथियार उठाने के लिए कहा। शास्त्री ने कहा, 'हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस लेना सुनिश्चित करना चाहिए, बंदूकों का नहीं बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं। यह करो या मरो की स्थिति है। इस देश का विभाजन दो मुख्य समुदायों के आधार पर हुआ था। यह गांधी के कारण ही था कि ये समुदाय विशेष के लोग मेवात में रुके रहे।''
नूंह हिंसा के ठीक बाद पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद, हिंदू समाज ने गुड़गांव में धारा 144 तोड़कर महापंचायक की थी। जहां  हिन्दू संगठनों ने समुदाय विशेष के व्यापारियों के बहिष्कार का आह्वान किया था। वहां कई अन्य सांप्रदायिक भाषण भी दिये गये। सूत्रों ने कहा कि पुलिस को अनुमान है कि रविवार की पलवल महापंचायत शायद पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ाएगी, यही वजह है कि उन्होंने इसकी अनुमति पहले नहीं दी, क्योंकि पुलिस क्षेत्र में शांति बहाल करने की कोशिश कर रही है। लेकिन बाद में उसे अज्ञात कारणों से इसकी अनुमति देना पड़ी।

पीटीआई के मुताबिक वीएचपी पदाधिकारी देवेंदर सिंह ने बताया कि "सभी हिंदू समूहों ने नूंह में 28 अगस्त को यात्रा पूरी करने का फैसला किया, जिस पर 31 जुलाई को नूंह में कथित तौर पर हमला किया गया था। उम्मीद है कि यात्रा प्रशंसा और उत्साह के साथ पूरी होगी।"

देश से और खबरें
हालांकि कई किसान संघों और खाप पंचायतों ने शांति की अपील की है और गोरक्षक मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग की है, जिसके 31 जुलाई के जुलूस में शामिल होने की कथित घोषणा से क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। समझा जाता है कि किसानों और खाप पंचायतों की अपील और मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग के बाद आरएसएस से जुड़े संगठनों ने जवाब में यह महापंचायत रविवार को पलवल में आयोजित कराई। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें