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फाइल फोटो

एचडी कुमारस्वामी ने दिया भाजपा से गठबंधन करने का संकेत 

बेंगलुरु में जनता दल (सेक्यूलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि उनकी पार्टी ने राज्य के हित में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। इस बयान के साथ ही उन्होंने संकेत दिया है कि वे आने वाले दिनों में भाजपा से गठबंधन कर सकते हैं और एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। इस बारे में बात करने के लिए संसद चुनावों में अभी भी समय है। 
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जनता दल (सेक्यूलर) के एनडीए के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे एक सवाल पर वह बोल रहे थे। एचडी कुमारस्वामी गुरुवार पार्टी विधायक दल की बैठक में हुई चर्चा पर सवालों का जवाब दे रहे थे। 
उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा के अंदर और बाहर पहले भी कह चुका हूं कि चूंकि भाजपा और जद(एस) दोनों विपक्षी दल हैं, इसलिए राज्य के हित में मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया है। आज सुबह भी हमारी पार्टी के विधायकों ने चर्चा की कि कैसे आगे बढ़ना है'। 

संसद चुनाव में अभी 11 महीने का समय है

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संसद चुनाव में अभी 11 महीने का समय है। देखते हैं संसद का चुनाव कब आता है। सभी नेताओं को पार्टी को मजबूत करने को लेकर कहा गया है। एचडी कुमारस्वामी का भाजपा के करीब आने से जुड़ा यह बयान बताता है कि वे एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए तैयार है। अब देखना यह है कि भाजपा उन्हें गठबंधन का हिस्सा बनाती है कि नहीं। 

एनडीए की बैठक में जेडीएस को नहीं मिला था आमंत्रण

पिछले दिनों एनडीए के 25 वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में हुई बैठक में भाजपा ने जहां 38 पार्टियों को बुलाया लेकिन जेडीएस को आमंत्रण नहीं दिया था। कर्नाटक में मई में हुए 224 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों में, कांग्रेस को 135 सीटें मिलीं।  जबकि भाजपा को 66 और जेडीएस को 19 सीटें मिलीं। जेडीएस अब कर्नाटक में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है और अब यह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है और जेडीएस से उसके रिश्ते फिलहाल अच्छे नहीं चल रहे हैं। ऐसे में जेडीएस के पास सिर्फ एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने का विकल्प बच गया है।  
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क़मर वहीद नक़वी
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