दुनिया में हिंदी के किसी प्रसिद्ध स्कॉलर के भारत आने से क्या दिक्कत हो सकती है? यह सवाल हिंदी स्कॉलर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को एयरपोर्ट से ही भारत से निष्कासित किए जाने के बाद उठ रहा है। ऑर्सिनी लंदन के स्कूल ऑफ़ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज यूनिवर्सिटी में हिंदी और उर्दू साहित्य की प्रोफेसर हैं। उनको सोमवार देर रात दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोका गया और बिना किसी स्पष्टीकरण के भारत से निष्कासित कर दिया गया। उनके पास वैध पांच वर्षीय ई-वीजा था, फिर भी इमीग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी। द वायर ने यह रिपोर्ट दी है। यह घटना तब आई है जब भारत में शैक्षिक गतिविधियों से जुड़े लोग और एक्टिविस्ट आरोप लगाते रहे हैं कि शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हाल में खतरा बढ़ा है।
हिंदी स्कॉलर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को एयरपोर्ट से ही भारत से निष्कासित क्यों किया गया?
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- 21 Oct, 2025
हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध स्कॉलर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को एयरपोर्ट से ही भारत से निष्कासित कर दिया गया। क्या यह शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला है या सुरक्षा का मुद्दा?

फ्रांसेस्का ऑर्सिनी
ऑर्सिनी दक्षिण एशियाई साहित्यिक संस्कृतियों में बहुभाषावाद पर दशकों से शोध कर रही हैं। वह चीन में एक शैक्षणिक सम्मेलन में भाग लेने के बाद हांगकांग के रास्ते दिल्ली पहुंची थीं। उनका इरादा भारत में दोस्तों से मिलने का था और वे अक्टूबर 2024 में भी भारत यात्रा कर चुकी थीं। लेकिन रात के समय हवाई अड्डे पर इमीग्रेशन काउंटर पर पहुंचते ही अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें तुरंत ही लौटाने का आदेश दिया गया, बिना कोई कारण बताए। लंदन में रहने वाली ऑर्सिनी को खुद ही घर लौटने की व्यवस्था करनी पड़ी। ऑर्सिनी ने बताया कि अधिकारियों ने कोई कारण नहीं बताया और सिर्फ़ इतना कहा, 'मुझे केवल यही बताया गया कि मैं प्रवेश नहीं कर सकती।'