हर रोज़ वैक्सीन क़रीब 30 लाख लगाई जा रही थी तो फिर अचानक 21 जून को एक दिन में 90 लाख वैक्सीन कैसे लग गई? यदि इसका जवाब आप यह दें कि उस दिन से वैक्सीन मुफ़्त में लगाई जा रही है तो सवाल है कि फिर 22 जून को मुफ़्त टीका लगाने वालों की संख्या 54 लाख ही क्यों रह गई? इससे सवाल उठता है कि क्या यह सब एक दिन के लिए सिर्फ रिकॉर्ड बनाने की कसरत भर थी और छवि बचाने का एक प्रयास था? कम से कम अब तो ऐसे ही सवाल उठाए जा रहे हैं।
टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाने के लिए भी 'खेला' हो गया?
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- 23 Jun, 2021

वैक्सीन लगवाते प्रधानमंत्री मोदी। (फाइल फ़ोटो)
हर रोज़ वैक्सीन क़रीब 30 लाख लगाई जा रही थी तो फिर अचानक 21 जून को एक दिन में 90 लाख वैक्सीन कैसे लग गई?
यदि रिकॉर्ड बनाने के लिए ऐसा नहीं किया गया था तो क्या वैक्सीन का उत्पादन बढ़ गया। एकाएक वैक्सीन बढ़ने की कोई ख़बर तो नहीं आई है। दूसरे, वैक्सीन लेने को उत्सुक बड़ी संख्या में लोगों को टीकाकरण केंद्रों पर टीके नहीं मिल रहे हैं। तो फिर ऐसा कैसे हो गया?