हर रोज़ वैक्सीन क़रीब 30 लाख लगाई जा रही थी तो फिर अचानक 21 जून को एक दिन में 90 लाख वैक्सीन कैसे लग गई? यदि इसका जवाब आप यह दें कि उस दिन से वैक्सीन मुफ़्त में लगाई जा रही है तो सवाल है कि फिर 22 जून को मुफ़्त टीका लगाने वालों की संख्या 54 लाख ही क्यों रह गई? इससे सवाल उठता है कि क्या यह सब एक दिन के लिए सिर्फ रिकॉर्ड बनाने की कसरत भर थी और छवि बचाने का एक प्रयास था? कम से कम अब तो ऐसे ही सवाल उठाए जा रहे हैं।