भारतीय वायुसेना प्रमुख ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर में 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट मार गिराए गए थे। अगस्त महीने में भी ऐसा ही दावा किया गया था तो अब ये दावा क्यों?
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट गिराए जाने का दावा किया है। 93वें वायुसेना दिवस के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान गिराए गए 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट में से ज्यादातर अमेरिकी F-16 शामिल हैं। इसके अलावा, एक निगरानी विमान को 300 किलोमीटर दूर से ध्वस्त किया गया। उन्होंने भारतीय जेट गिराए जाने के पाकिस्तान के दावों को 'मनोहर कहानियाँ' बताते हुए कहा कि इस्लामाबाद के पास हमारे नुक़सान का कोई सबूत नहीं है। 4-5 पाकिस्तानी फाइटर जेट गिराए जाने के दावे पहले भी किए गए थे, इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि अब ये दावा क्यों किया गया? क्या इसमें कोई और नयी जानकारी दी गई है?
दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी जेट को हुए नुक़सान को लेकर पहली बार विस्तृत खुलासा किया गया है। एयर चीफ मार्शल सिंह ने बेंगलुरु में अगस्त में आयोजित एयर चीफ मार्शल एलएम कटरे व्याख्यान के दौरान पहली बार पुष्टि की थी कि 5 फाइटर जेट और एक बड़ा विमान नष्ट हुए थे, लेकिन अब जेट्स के प्रकार का खुलासा किया गया है और कहा गया है कि सेना के सिस्टम ने इसकी पुष्टि की है।
वायुसेना प्रमुख सिंह ने कहा, 'हमारे पास साफ़ सबूत हैं कि एक लंबी दूरी 300 किमी से अधिक का हमला हुआ, जिसमें AEW&C या SIGINT विमान और उसके साथ 5 हाई-टेक फाइटर- F-16 और JF-17 तबाह हो गए।' उन्होंने कहा कि 'कम से कम 4-5 फाइटर एयरक्राफ्ट, इसमें ज़्यादा संभावना है कि F-16 नष्ट हो गए, क्योंकि वह जगह F-16 हैंगर थी।' इसके अलावा, एक सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी ध्वस्त किया गया।
यह ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के गँवाए गए जेट विमानों के प्रकार की पहली आधिकारिक पुष्टि है। इससे पहले 9 अगस्त को बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एल एम काट्रे मेमोरियल लेक्चर में अपने मुख्य भाषण में सिंह ने केवल इतना कहा था कि 'कम से कम पांच लड़ाकू विमान और एक बड़ा विमान' नष्ट हो गए, लेकिन उन्होंने विमानों के प्रकार का खुलासा नहीं किया था।
भारत को हुए नुक़सान पर क्या कहा?
हालांकि वायुसेना प्रमुख ने भारत में हुए नुकसान का ज़िक्र नहीं किया, लेकिन पहले के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वीकार किया था कि ऑपरेशन के दौरान IAF के कुछ विमान भी तबाह हो गए थे। सरकार ने इसकी पुष्टि या खंडन नहीं किया। मई में, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने स्वीकार किया था कि संघर्ष में कुछ विमान नष्ट हो गए थे। उसी महीने की शुरुआत में IAF के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस, एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि किसी भी लड़ाई में नुकसान होना आम बात है।
10 जून को इंडोनेशिया में भारत के डिफेंस अटैच कैप्टन शिव कुमार ने जकार्ता में एक सेमिनार में कहा था कि आईएएफ़ के कुछ विमान तबाह हो गए थे। उन्होंने इसका कारण राजनीतिक दबाव बताया, जिसके कारण शुरू में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों या वायु रक्षा पर हमला नहीं किया जा सका। उनके इस दावे के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना भी साधा था।
ऑपरेशन सिंदूर का मक़सद क्या?
ऑपरेशन सिंदूर अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने जवाब दिया तो भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि ऑपरेशन का मक़सद साफ़ था- आतंकवाद को कुचलना और इसे जल्दी समाप्त कर लिया गया।
7 मई 2025 को आधी रात के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी हवाई अड्डों, रडार सिस्टम, कमांड सेंटरों, रनवे और हैंगरों पर सटीक हमले किए। 10 मई को 11 सैन्य हवाई अड्डों पर हमले के बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की।
S-400 का कमाल
एयर चीफ मार्शल सिंह ने ऑपरेशन की सफलता का श्रेय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे लंबी दूरी के SAMs ने पाकिस्तान को उसके ही इलाके में उड़ान भरने से रोका। हम 300 किमी अंदर तक देख सकते थे।'
शहबाज शरीफ के UN बयानों पर पलटवार
भारतीय वायुसेना प्रमुख का यह खुलासा पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र में दिए बयानों के बाद आया है, जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को 'भारतीय आक्रमण' और भारतीय जेट को मार गिराने का दावा किया। शरीफ ने दावा किया था कि पाकिस्तान ने भारतीय हमलों को विफल कर दिया, लेकिन वायुसेना प्रमुख सिंह ने पाक के इन दावों को 'मनोहर कहानियाँ' क़रार दिया।