भारत और चीन के बीच क़रीब पांच वर्षों के बाद पैसेंजर फ्लाइट्स अक्टूबर के आख़िर में फिर से शुरू होने जा रही हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि दोनों देशों के सिविल एविएशन अथॉरिटीज के बीच तकनीकी स्तर पर हुई चर्चाओं के बाद यह फैसला लिया गया है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कोविड-19 महामारी और 2020 के गलवान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के कारण ये उड़ानें बंद थीं। विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद इंडिगो एयरलाइंस ने कोलकाता-गुआंगझोउ रूट पर दैनिक नॉन-स्टॉप फ्लाइट्स शुरू करने की पुष्टि कर दी है और अन्य उड़ानें भी जल्द ही ऐसी ही घोषणा कर सकती हैं।

एमईए के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, 'इस साल की शुरुआत से ही दोनों देशों के सिविल एविएशन अथॉरिटीज के बीच डायरेक्ट एयर सर्विसेज को फिर से शुरू करने और एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को संशोधित करने पर चर्चाएं चल रही थीं। इन चर्चाओं के बाद अब यह सहमति बनी है कि भारत और चीन के बीच डायरेक्ट एयर सर्विसेज अक्टूबर 2025 के आख़िर तक शुरू हो सकती हैं, जो विंटर शेड्यूल के अनुरूप होगी। यह दोनों देशों के डेजिग्नेटेड कैरियर्स के कमर्शियल फैसलों और सभी ऑपरेशनल मानदंडों के पूरा होने पर निर्भर करेगा।' जायसवाल ने जोर दिया कि यह कदम दोनों देशों के बीच लोगों के संपर्क को मजबूत करेगा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
ताज़ा ख़बरें
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अगस्त 2025 में हुई बातचीत के बाद आई है जिसमें दोनों नेताओं ने सीमा प्रबंधन पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच समझौते का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था, 'सीमा पर स्थिरता के लिए कदम उठाए गए हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो चुकी है और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स भी बहाल हो रही हैं।' चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने सितंबर में कहा था कि डायरेक्ट फ्लाइट्स जल्द ही शुरू होंगी।

26 अक्टूबर से उड़ानें शुरू होंगी: इंडिगो

पहली फ्लाइट 26 अक्टूबर को विंटर शेड्यूल के साथ शुरू होगी, जब इंडिगो एयरलाइंस अपने एयरबस A320neo विमान से कोलकाता से गुआंगझोउ के लिए दैनिक उड़ानें संचालित करेगी। कंपनी ने बयान जारी कर कहा, 'यह कदम सीमा-पार व्यापार, रणनीतिक बिजनेस पार्टनरशिप्स और दोनों देशों के बीच पर्यटन को फिर से स्थापित करेगा। नियामक अनुमोदनों के अधीन, इंडिगो दिल्ली-गुआंगझोउ के बीच भी जल्द डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू करेगी।' 
एयर इंडिया मुंबई या दिल्ली से शंघाई के लिए फ्लाइट्स की योजना बना रही है, जबकि चीनी कैरियर्स ने डायरेक्ट एक्सेस के लिए भारत के डीजीसीए में आवेदन कर दिया है। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शुरू में केवल दो दैनिक फ्लाइट्स होंगी, जो कोविड के पूर्व के 500 मासिक फ्लाइट्स से काफी कम हैं, लेकिन मांग के आधार पर बढ़ाई जा सकती हैं।

उड़ानें बंद क्यों हुई थीं?

दोनों देशों के बीच उड़ानें मार्च 2020 में कोविड-19 के कारण बंद हो गई थीं जब सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गई थीं। हालाँकि, महामारी कम होने के बाद भी गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के कारण फ्लाइट्स बहाल नहीं हुईं। झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के मारे जाने की ख़बर आई थी। इसके बाद लद्दाख में चार वर्षों तक चले तनाव के कारण व्यापार, पर्यटन और शैक्षणिक आदान-प्रदान बुरी तरह प्रभावित रहे। यात्रियों को हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर या बैंकॉक जैसे तीसरे देश से होकर जाना पड़ता था, जिससे यात्रा समय और खर्च दोनों बढ़ गए। 
देश से और ख़बरें

रिश्तों में सुधार के बाद स्थिति बदली

2024 में अक्टूबर में सीमा पर सैन्य डिसएंगेजमेंट के बाद संबंधों में सुधार की पहल शुरू हुई, जिसमें जनवरी और अगस्त 2025 में उच्च स्तरीय बैठकें शामिल हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच एक के बाद एक गतिविधियाँ फिर से बहाल होनी शुरू हो गईं। और इसी बीच अब उड़ानें शुरू करने का फ़ैसला लिया गया है।

आर्थिक दृष्टि से यह कदम बेहद अहम है। भारत-चीन व्यापार 2024 में 131 अरब डॉलर से अधिक पहुंच गया, लेकिन डायरेक्ट कनेक्टिविटी की कमी से व्यवसायी और व्यापारी परेशान थे। महामारी से पहले के समय में चीनी कैरियर्स 70-80% ट्रैफिक कंट्रोल करते थे, जबकि भारतीय एयरलाइंस का हिस्सा न्यूनतम था। जानकारों का कहना है कि डायरेक्ट फ्लाइट्स से व्यापार लागत 20-30% कम हो सकती है। पर्यटन क्षेत्र में भी उछाल आएगा। 2024 में 5 लाख से अधिक यात्री दूसरे देशों वाले रूट से यात्रा कर चुके थे। छात्रों के लिए भी राहत है, क्योंकि चीन में 20 हज़ार से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
सर्वाधिक पढ़ी गयी ख़बरें

भारत-चीन भागीदारी बढ़ेगी

यह कदम ब्रिक्स और एससीओ जैसे बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों की भागीदारी को मजबूत करेगा। जानकारों का कहना है कि यह सीमा स्थिरता और आर्थिक सहयोग की दिशा में सकारात्मक संकेत है, लेकिन लंबे समय तक टिकाऊ संबंधों के लिए और कदम जरूरी हैं। विमानन मंत्रालय ने कहा कि यह 'व्यापक प्रयासों' का हिस्सा है, जो लोगों के संपर्क को बढ़ाएगा।

कुल मिलाकर, यह घोषणा भारत-चीन संबंधों में गर्मजोशी का संकेत है। हालांकि, सीमा विवाद पूरी तरह सुलझा नहीं है, लेकिन यह कदम आत्मविश्वास बहाली की दिशा में एक कदम है।