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देश में कोरोना संक्रमण में उछाल, 24 घंटे में 6000 से ज़्यादा केस

देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। एक दिन में संक्रमित लोगों की संख्या अब पाँच हज़ार से ज़्यादा आने लगी है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आँकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटे में 6,050 नये मामले आए। यह संख्या एक दिन पहले आए 5,335 मामलों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल 16 सितंबर के बाद पहली बार दैनिक मामलों ने 6,000 का आंकड़ा पार किया है।

एक दिन में हुई 14 मौतों के साथ ही देश में मरने वालों की संख्या 5,30,943 हो गई है। तीन मौतें महाराष्ट्र में, दो-दो कर्नाटक और राजस्थान से, एक-एक मौत दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पंजाब में हुई हैं।

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हर रोज की पॉजिटिविटी दर फ़िलहाल 3.39 प्रतिशत है और देश में सक्रिय मामले बढ़कर 25,587 हो गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, तीन दिन पहले मंगलवार को भारत में 3,038 नए कोरोनो के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि सक्रिय मामले 21,179 थे। 

बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने भी नियंत्रण की तैयारियाँ तेज कर दी हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने देश में तैयारियों की समीक्षा के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक बुलाई है।

पिछले महीने से ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। तब कोरोना मामले बढ़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर प्रयोगशाला निगरानी, जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने और साँस से जुड़ी गंभीर बीमारी के मामलों की जाँच करने की ज़रूरत पर जोर दिया था। 

उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी को कोरोना वायरस के खिलाफ आवश्यक सावधानी बरतने और सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी थी। 

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जीनोम सीक्वेंसिंग पर इसलिए जोर दिया जाता रहा है कि जब भी संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वायरस के नया स्ट्रेन या म्यूटेंट को ज़िम्मेदार माना जाता है। आसान शब्दों में कहें तो नये किस्म के कोरोना की आशंका रहती है। और इसका पता तभी चलता है जब जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए।

बता दें कि 2021 की जनवरी में सरकार ने 10 प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के माध्यम से भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के प्रयास को तेज़ करने के लिए भारतीय SARS-CoV2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की स्थापना की थी। तब से कोरोना के नये-नये रूपों का पता लगाने के लिए लगातार जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती रही है। लेकिन संक्रमण के मामले कम होने पर यह प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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