सीपी राधाकृष्णन भारत के अगले उप-राष्ट्रपति होंगे। उप-राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को कड़े मुकाबले में हरा दिया। यह चुनाव पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हुआ।

सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वह तमिलनाडु के वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी नेता हैं और फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुधर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया था। राधाकृष्णन को कुल 767 वोटों में से 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोट अवैध रहे। राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने इसकी घोषणा की। इसका मतलब था कि राधाकृष्णन 152 वोटों के अंतर से विजयी हुए। विपक्ष 315 वोट की उम्मीद लगाए हुए था। यह आंकड़ा कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा क्रॉस-वोटिंग के कारण विपक्षी खेमे में दरार को दिखाता है। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे प्रक्रिया पूरी हुई।
निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 781 योग्य सांसदों में से 767 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यानी 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें से 752 वोट वैध और 15 अवैध थे। 13 सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया। इनमें बीजू जनता दल यानी बीजेडी के सात, भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस के चार, शिरोमणि अकाली दल यानी एसएडी के एक और एक निर्दलीय सांसद शामिल थे।

सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?

सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के तिरुपुर से एक प्रमुख बीजेपी नेता हैं, जिन्हें दक्षिण भारत में पार्टी का मजबूत चेहरा माना जाता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन 1974 में भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारिणी सदस्य बने थे। 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रैजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए। 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे। फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। राधाकृष्णन एक अनुभवी नेता हैं। उनकी मजबूत संगठनात्मक क्षमता और दक्षिण भारत में बीजेपी के विस्तार में योगदान ने उन्हें एनडीए का मजबूत दावेदार बनाया।

धनखड़ के इस्तीफ़े से खाली हुआ था पद

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह चुनाव कराना जरूरी हो गया। धनखड़ का कार्यकाल अभी दो वर्ष बाक़ी था और उनका इस्तीफा राजनीतिक हलकों में चौंकाने वाला था। संविधान के अनुच्छेद 68 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति के पद के रिक्त होने पर यथाशीघ्र चुनाव कराया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने 7 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी और 9 सितंबर को संसद भवन में मतदान हुआ। मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक चला, जिसके बाद मतगणना हुई।

बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी

इंडिया गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया। तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले रेड्डी एक प्रतिष्ठित कानूनी हस्ती हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएँ दीं। रेड्डी ने मतदान से पहले कहा था, 'मुझे जनता और नागरिक समाज से अपार समर्थन और प्यार मिला है।' कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उनकी जीत की उम्मीद जताई थी। हालाँकि, रेड्डी को एनडीए की संख्याबल के सामने कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।