India Pakistan Cricket: एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच रविवार को है, लेकिन उससे पहले राजनीतिक विवाद चरम पर है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना पहलगाम आतंकी हमले की वजह से मैच का विरोध कर रही है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने सरकार का बचाव किया है।
14 सितंबर को खेले जाने वाले भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर राजनीतिक विवाद हो गया है।
एशिया कप 2025 में रविवार शाम 8 बजे होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अप्रैल 22 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के महज पांच महीने बाद इस मैच का आयोजन हो रहा है। इस वजह से पीड़ित परिवारों और विपक्षी दलों में भारी आक्रोश है। बहिष्कार के आह्वान के साथ-साथ प्रदर्शन भी हो रहे हैं, जबकि क्रिकेट बोर्ड और सरकारी अधिकारी भागीदारी को जरूरी बता रहे हैं। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और अन्य भाजपाई मैच के पक्ष में खुलकर बचाव कर रहे हैं।
विपक्ष इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे जयेश शाह से भी जोड़ रहा है। जयेश शाह आईसीसी के चेयरमैन हैं। दुनिया में क्रिकेट खेलने वाले देश इसके सदस्य हैं। एशिया कप इसी आईसीसी की देखरेख में हो रहा है। भारत-पाकिस्तान मैच में भावनाएं चरम पर होती हैं। लोग महंगा टिकट खरीदते हैं। टीवी पर मैच दिखाया जाता है तो खूब विज्ञापन आता है। इन सब से जो आमदनी होती है, वो पैसा संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड, बीसीसीआई और आईसीसी को पहुंचता है। यानी भारत-पाकिस्तान मोटी कमाई का ज़रिया है।
एशिया कप 2025 9 सितंबर से शुरू हो चुका है, जिसमें आठ देश भाग ले रहे हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही टीमें सुपर फोर स्टेज तक पहुंचने की प्रबल दावेदार हैं, और फाइनल में तीसरी भिड़ंत की संभावना भी है। हालांकि, हाल के आतंकी हमले के कारण यह मैच अब सिर्फ खेल का मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि राजनीतिक विवाद का केंद्र बन चुका है।
बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने भारत की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा, "जब एसीसी या आईसीसी द्वारा बहु-राष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित होते हैं, तो देशों के लिए भाग लेना अनिवार्य हो जाता है। अगर नहीं खेला गया, तो टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी और विरोधी टीम को अंक मिल जाएंगे। लेकिन भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैच (दो देशों के बीच) नहीं खेलता।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की नीति है कि आतंकी हमलों के रुकने तक पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट न खेला जाए।
हालांकि, पहलगाम हमले में अपने पति शुभम द्विवेदी को खो चुकीं ऐशान्या द्विवेदी ने बीसीसीआई की आलोचना की। उन्होंने कहा, "पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के प्रति बीसीसीआई में कोई भावना नहीं लगती। वे इसकी कद्र नहीं करते क्योंकि उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं मरा। पाकिस्तान के साथ क्रिकेटर क्यों खेल रहे हैं? खिलाड़ी भी अपना रुख रख सकते हैं।"
बीजेपी ने देशभक्ति को व्यापार बना दियाः उद्धव
विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकुर ने कहा, "युद्ध और क्रिकेट एक साथ कैसे हो सकते हैं? उन्होंने देशभक्ति को व्यापार बना दिया है। वे सिर्फ पैसे चाहते हैं।" उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।" शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "पाकिस्तानी क्रिकेटर हमें अपमानित कर रहे थे और सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ा रहे थे... हम तब तक पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलना चाहते जब तक उनके खिलाड़ी आतंकवादियों का समर्थन बंद न करें।"ये मैच एक बिजनेस है, बीजेपी को हमारी मां-बहनों की परवाह नहींः इमरान मसूद
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मैच को कारोबार बताया। उन्होंने कहा, "यह बिजनेस है। भारत-पाकिस्तान मैचों में उत्साह होता है। टिकट ऊंचे दामों पर बिक रहे हैं। उन्हें परवाह नहीं कि हमारी बहनों का सिंदूर उजड़ गया। ये लोग क्रिकेट के नाम पर पैसे कमा रहे हैं। सरकार को शर्म आनी चाहिए।" आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली के क्लबों और रेस्तरां का बहिष्कार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "भारतीय सरकार ऐसे घिनौने लोगों के साथ क्रिकेटरों को खेलने पर मजबूर कर रही है जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर मिटा दिया। हम दिल्ली के सभी क्लबों और रेस्तरां का विरोध करेंगे जो भारत-पाकिस्तान मैच प्रसारित करेंगे।"बहिष्कार का आह्वान और पुतला दहन
आप कार्यकर्ताओं ने अपने कार्यालय के बाहर 'पाकिस्तान' लिखे हुए पुतले को आग के हवाले कर दिया, जो विरोध का प्रतीक था। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और आप जैसे विपक्षी दल बहिष्कार का नेतृत्व कर रहे हैं। राजनीतिक तनाव के बीच यह बहस तेज हो गई है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना उचित है या नहीं, खासकर सुरक्षा चिंताओं और हाल के आतंकी हमलों के मद्देनजर।
क्रिकेट बोर्ड और सरकार की प्रतिक्रियासरकार का कहना है कि भारत की नीति स्पष्ट है कि द्विपक्षीय क्रिकेट पाकिस्तान के साथ बंद है, लेकिन मल्टी-टीम टूर्नामेंट में भाग लेना अंकों के लिहाज से जरूरी माना जा रहा है। एसीसी और आईसीसी के नियमों के तहत फॉरफिट करने पर विरोधी टीम को फायदा हो जाता है। अभी तक बीसीसीआई या सरकार की ओर से मैच रद्द करने का कोई ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।
यह विवाद एशिया कप को न केवल खेल का बल्कि राष्ट्रीय भावना का मुद्दा बना रहा है। रविवार के मैच पर सभी की नजरें टिकी हैं, लेकिन राजनीतिक पिच पर बहस और तेज हो रही है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मल्टी-टीम टूर्नामेंट में भागीदारी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "जितना मुझे पता है, हम उनके साथ द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेलते। लेकिन मल्टी-टीम टूर्नामेंट में कभी समस्या नहीं हुई। अगर यह सकारात्मक दिशा में शुरुआत है, तो इससे बेहतर कुछ नहीं। खेल अक्सर राजनीति का शिकार बन जाता है।"