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गलवान पर भारत का जवाब, कहा - चीन का दावा स्वीकार्य नहीं

गलवान घाटी पर चीन की ओर से फिर से दावा जताए जाने के बाद भारत ने उसे जवाब दिया है। भारत ने शनिवार को कहा है कि गलवान घाटी के संबंध में स्थिति एतिहासिक रूप से साफ है और चीन की ओर से इस संबंध में बढ़ा-चढ़ाकर किए जा रहे दावे स्वीकार्य नहीं हैं। ड्रैगन लगातार कह रहा है कि गलवान पर चीन का दावा है। 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर अपने दावे को दोहराते हुए कहा था कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की चीनी साइड की ओर स्थित है। लिजियन ने यह भी कहा था कि चीनी सैनिक कई सालों से इस इलाक़े में पेट्रोलिंग कर रहे हैं लेकिन अप्रैल से भारत ने यहां रोड, पुल बनाने शुरू कर दिए।  

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इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय सेनाएं भारत-चीन सीमा के सभी सेक्टर्स में एलएसी की स्थिति को अच्छी तरह जानती हैं और इसमें गलवान घाटी भी शामिल है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई, 2020 से ही चीनी सैनिक भारत की पेट्रोलिंग प्रक्रिया में रुकावट बनने की कोशिश कर रहे हैं और इस वजह से झड़प बढ़ी है। 

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मोदी के बयान पर विवाद

गलवान घाटी में भारत के सैनिकों की शहादत के बाद शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत की सीमाओं में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। प्रधानमंत्री के इस बयान पर ख़ूब हंगामा हुआ था और इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इस पर सफ़ाई देनी पड़ी थी। पीएमओ ने कहा है कि प्रधानमंत्री के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर राहुल गांधी ने शनिवार सुबह तीख़ा हमला बोला था और दो सवाल पूछे थे। राहुल ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्षेत्र को चीनी आक्रमण के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। राहुल ने पहला सवाल पूछा था कि अगर धरती चीन की थी तो हमारे सैनिक क्यों मारे गए और दूसरा सवाल यह कि वे कहां मारे गए। 

लद्दाख में शहीद हुए भारतीय जवानों को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। गुरुवार को उन्होंने सवाल पूछा था कि हमारे निहत्थे जवानों को वहां शहीद होने क्यों भेजा गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी पूछा था कि चीन ने हमारे निहत्थे जवानों को मारने की जुर्रत कैसे की? 

योजना के साथ आया है ड्रैगन

चीन ने एक बड़ी योजना के तहत गलवान घाटी के इलाक़े में घुसपैठ की है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, सैटेलाइट तसवीरों से पता चला है कि चीन ने एलएसी के पार अपने नियंत्रण वाले इलाक़े में भारी मशीनें और उपकरण लगा दिए हैं और वह सड़कें, छोटे पुल, पानी से संबंधित मशीनरी, संभावित एयर डिफ़ेंस कमांड्स और कई झोपड़ियां बना चुका है। 
‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, इन सैटेलाइट तसवीरों से साफ पता चलता है कि चीनी सेना गलवान घाटी की वास्तविक स्थिति को बदल देना चाहती है। ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन ने इस इलाक़े पर अपना हक़ जताया है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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