loader

भारत ने लगाई फटकार, कहा, पाक चाहता है ख़तरे की घंटी बजाना

पाकिस्तान की ओर से राजनयिक रिश्ते में कटौती करने और दोतरफा व्यापार पर रोक लगाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि इसलामाबाद कश्मीर के मुद्दे पर पूरी दुनिया में ख़तरे की घंटी बजाना चाहता है और इसका अंतरराष्ट्रीय करना चाहता है। 

सच्चाई से परे हैं आरोप!

सरकार ने कहा है कि इसके साथ ही भारत के साथ राजनयिक रिश्ते में कटौती की गई है। पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने चौंकाने वाली छवि पेश करना चाहता है। लेकिन उसने जो कारण बताए हैं, वे ज़मीनी सच्चाई से परे हैं। 
बयान में कहा गया है कि भारत सरकार और यहाँ की संसद ने हाल में जो फ़ैसले लिए हैं, उसका मक़सद जम्मू-कश्मीर तक वे अवसर पहुँचाना है, जो उसे अब तक नहीं मिले हैं।

यह ताज्जुब की बात नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में असंतोष दूर करने की दिशा में की गई पहल को पाकिस्तान में नकारात्मक नज़रिए से देखा जाएगा। इसकी वजह यह है कि इसलामाबाद ने सीमा पार आतंकवाद को उचित ठहराने के लिए लोगों के इस असंतोष का ही इस्तेमाल किया है।


विदेश मंत्रालय, भारत

भारत के रवैए से साफ़ है कि उसने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने और कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश को हर हाल में रोकने का फ़ैसला कर लिया है। इसके साथ ही यह भी साफ़ है कि भारत का विदेश मंत्रालय सोच समझ कर कदम उठा रहा है। यही वजह है कि बुधवार को पाकिस्तान के फ़ैसले पर विदेश मंत्रालय ने तुरत-फुरत कोई जवाब नहीं दिया। बृहस्पतिवार को जो जवाब उसने दिया, वह भी नपा तुला और संयत है। ज़ाहिर है, भारत ख़तरे की घंटनी बजाने का कोई मौका नहीं देना चाहता। 
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अनुच्छेद 370 पर हाल में लिया गया फ़ैसला भारत का आंतरिक मामला है। भारत का संविधान हमेशा ही इसकी सार्वभौमिकता से जुड़ा मामला रहा है, आज भी है और भविष्य में भी रहेगा।
भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि ख़तरे की घंटी बजा कर संविधान के न्याय क्षेत्र में दखलअंदाजी की कोशिश कभी सफल नहीं होगी। 
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बुधवार को लिए गए पाकिस्तान के निर्णय अफ़सोसनाक हैं, लिहाज़ा इसलामाबाद उन पर फिर से विचार करे ताकि कूटनीति के सामान्य रास्ते खुले रहें। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें